हमारा देश और इस देश का नागरिक जितने बड़े संकट से आज गुज़र
रहा है इतिहास में इसकी कोई मिसाल नहीं मिलती । मौत मौत
और सिर्फ़ मौत का नंगा नाच हो रहा है चारों ओर...............सड़क पे
मौत, ट्रेन में मौत, स्कूल में मौत, अस्पताल में मौत, पुलिस स्टेशन
में मौत, होटल में मौत और घर में बैठे बैठे भी मौत !
आज जब इस पर गहराई से चिन्तन किया तो बहुत सी बातें ज़ेहन
में आयीं ..........वो आपके साथ बांटना चाहता हूँ । भगवान न करे
कि वो सब सच हो, लेकिन अगर वो सब शंकाएं सच हैं तो दोस्तों !
अब जाग जाओ.......और अपनी सुरक्षा अपने हाथ में ले लो
..........क्योंकि अब कानून व्यवस्था से कोई ख़ास उम्मीद नहीं है ।
मैं मेरी सोच और वो सब शंकाएं आपके सामने रखूं तब तक एक
बार इस पर विचार कर लें कि नक्सलवादी और आतंकवादी तो
हत्यारे हैं ही, परन्तु वे अगर हत्यारे हैं तो फिर ये कौन हैं जो
व्यापारियों के भेष में मौत की सौदागरी करते हैं ।
व्यापार में झूठ और हेराफेरी तो लाज़िमी है । क्योंकि व्यापारी
आदमी कितना भी कमाले, उसका मन नहीं भरता ............लेकिन
कमाने का भी कोई कायदा होता है । मिलावट पहले भी होती थी
लेकिन वो मिलावट हम हँसते हँसते मज़ाक में उड़ा देते थे..........जैसे
दूध में पानी की, सब्ज़ियों में पत्तों, डंठलों और नमी की, मसालों में
घटिया और सस्ते मसालों की, देशी घी में डालडा की और मावा में
शक्कर की.........ये मिलावट हमें दुखती तो थी, लेकिन हमारे
स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करके हमारी ज़िन्दगी को बर्बाद नहीं
करती थी।
अब तो दूध ही यूरिया का बन रहा है, मावा भी केमिकल से बन
रहा है, सब्ज़ियों और फलों में घातक रसायनों और रंगों का घालमेल
है, घी के नाम पर सड़ी हुई पशुचर्बी और मसालों में लकड़ी के बुरादे
से ले कर सीमेन्ट तक की मिलावट ???????????????????????
क्या है ये ????????????
अगर नक्सलवादी और आतंकवादी हत्यारे हैं तो फिर ये मिलावट
करने वाले हरामखोर कौन हैं जो हमारे घरों तक घुस आये हैं और
हमारी ज़िन्दगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ?
जय हिन्द
-अलबेला खत्री
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