Saturday, March 20, 2010

फ़ोकट में घर पहुँच गये



रंगलाल और उसका बेटा नंगलाल अपने इलाके के सबसे समझदार

लोग माने जाते हैंइतने समझदार कि वन वे स्ट्रीट पर करते

वक्त भी दोनों तरफ देखते हैं


एक बार मुम्बई में रात के समय taxi वाले ने इनसे ज़्यादा पैसे

मांग लिए तो रंगलाल ने कहा - रूपये चाहे तुम दस-बीस और लेलो,

लेकिन पहले मेरा पर्स निकाल दो.... गाड़ी में कहीं गिर गया है और

मुझे अन्धेरे में दिखाई नहीं नहीं दे रहा हैउसमे मेरे बीस हज़ार

रूपये हैं..........जल्दी ढूंढ़ दो..........


ये सुनते ही taxi वाला taxi लेकर फरार होगया

दोनों फ़ोकट में घर पहुँच गये...........



Thursday, March 18, 2010

अक्ल बादाम खाने से नहीं, ठोकर खाने से आती है


रंगलाल का बेटा नंगलाल शादी करने को उतावला है लेकिन
नंगलाल उसे उपदेश दे रहा है कि शादी कोई अच्छी चीज़ नहीं है
इससे आदमी बर्बाद हो जाता है वगैरह वगैरह

नंगलाल भड़क जाता है और बाप से पूछता है - पापा ! जब शादी
इतनी ही बुरी चीज़ है तो आपने क्यों की ? और आपसे भी पहले
आपके बाप ने क्यों की ?

रंगलाल उदास स्वर में कहता है - इसलिए बेटा नंगलाल !
क्योंकि अक्ल बादाम खाने से नहीं, बल्कि ठोकर खाने से ही
आती है ....हा हा हा


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Tuesday, March 9, 2010

महात्माजी को मिला सही जवाब.........





रंगलाल और उसका बेटा नंगलाल बड़े मनोयोग से महात्मा जी का

प्रवचन सुन रहे थे जो उनकी ही सोसायटी में हो रहा था और सैकड़ों

नर-नारी सत्संग का लाभ ले रहे थे । तभी महात्माजी बोले- जिन

जिन को स्वर्ग जाना है अपने हाथ खड़े कीजिये..........लगभग सभी

ने हाथ खड़े किये लेकिन रंगलाल-नंगलाल ने नहीं किये ।



महात्माजी ने पूछा - क्यों बच्चा ! आप स्वर्ग नहीं जाना चाहते ?



नंगलाल - स्वर्ग जा कर क्या करेंगे बाबा ! जब ये सब लोग स्वर्ग

चले जायेंगे तो हमारे लिए तो ये सोसायटी ही स्वर्ग हो जायेगी...
















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Monday, March 8, 2010

हुशियारी नंगलाल की .......




रंगलाल का बेटा नंगलाल हुशियारी में अपने बाप का भी बाप है ।

उसे ज्ञान देना बड़ा मुश्किल है । लेकिन बाप कोशिश नहीं छोड़ता,

असफल प्रयास करता रहता है ।


अभी कल ही उसने माचिस की तीली जला कर पूछा - बताओ

नंगलाल ये आग कहाँ से आई ? नंगलाल की समझ में कुछ नहीं

आया तो उसने फूंक मार कर तीली बुझादी और बोला - पहले ये

बताओ की आग गई कहाँ ?

















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