जो लोग कांग्रेसियों को कीड़े पड़ने की बात करते हैं वे किसी भरम में न रहें .
कांग्रेसियों को कीड़े पड़ने का श्राप मत दीजिये . क्योंकि मैं जानता हूँ कि
नहीं पड़ेंगे . बिलकुल नहीं पड़ेंगे . किसी भी प्रजाति का एक भी कीड़ा किसी
भी कांग्रेसी के किसी भी अंग में नहीं पड़ेगा . भरोसा न हो तो एक बार स्वयं
कीड़ों से ही पूछ कर देख लो . वो मना कर देंगे . आखिर उनका भी कोई
स्टैण्डर्ड है !
कीड़े जानते हैं कि अगर वे कांग्रेसियों को पड़े तो उनके भी कीड़े पड़ेंगे .
जय हिन्द !
3 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बृहस्पतिवार (04-07-2013) को सोचने की फुर्सत किसे है ? ( चर्चा - 1296 ) में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सौ नाम धरे सरकार, सौ सौ हाथ जबान ।
तेरी फेरी फेर के, ले जावै मत दान ॥
सौ नाम होना = अनेक त्रुटियाँ होना
सौ हाथ जबाँ होना = चटोर होना, स्वाद लोलुप होना
भावार्थ : -- सरकार किसी की हो, उसमें अनेक त्रुटियाँ हैं, स्वाद की लालची भी है अर्थात खाने खिलाने में उस्ताद है । चतुर इतनी है कि जिसको तूने फिरा दिया उसको भी फेर के तेरा वोट निकाल लेगी। अत: अपना वोट रूपी हीरा संभाल के रख ॥
waah waah neetu ji
bahut khoob
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