Friday, July 23, 2010

खरीदने से पहले सोच लें भाई !




जो व्यक्ति वह सामान खरीदता है जिसकी उसे ज़रूरत नहीं है,

उसे अक्सर वह सामान बेचना पड़ता है

जिसकी उसे सख्त ज़रूरत है


-अज्ञात महापुरूष



Wednesday, July 21, 2010

यह ग़ैर मुमकिन है

यह ग़ैर मुमकिन  है कि आदमी  बहुत से काम करने की कोशिश करे

और उन  सबको अच्छी तरह से कर सके 


ज़ेनोफान

Tuesday, July 20, 2010

भूल




भूल करना मनुष्य का स्वभाव है ;

की हुई भूल को मान लेना और इस तरह आचरण करना

कि जिससे वह भूल फिर से होने पाए, मर्दानगी है

- महात्मा गांधी



Monday, July 19, 2010

आलू छाप आदमी





खच्चरों को फख्र है कि उनके पूर्वज घोड़े थे.......

-जर्मन कहावत



जिस आदमी के पास शानदार पूर्वजों के बिना

अभिमान करने की कोई और चीज नहीं है,

वह आलू छाप आदमी है -

सबसे अच्छा हिस्सा ज़मीन के अन्दर ।


-ओवरबरी


Sunday, July 18, 2010

सिर्फ़ दिखलाने के लिए - और एकदम उपयोगिता रहित




यश
वह है जो लोग-लुगाई हमारे विषय में सोचते हैं ,

चरित्र वह है जो ईश्वर और देवता हमारे विषय में जानते हैं


-पेन



बिना चरित्र के ज्ञान शीशे की आँख की तरह है -

सिर्फ़ दिखलाने के लिए - और एकदम उपयोगिता रहित


-स्विनोक





उन्हीं को अधिक बोलने की लत होती है



जो लोग अपने मन की बात को 

थोड़े से चुने हुए शब्दों में कहना नहीं जानते,  

वास्तव में  उन्हीं को  अधिक बोलने की लत होती है 


-तिरुवल्लुवर 



संक्षिप्तता, खुशगोई की जान है 


-शेक्सपीयर 


 

Saturday, July 17, 2010

तो मैं तुझे मनुष्य नहीं, ज़ालिम राक्षस समझता हूँ




ज़ोरदार वह है जो दबे, ही दूसरों को दबने दे

बल्कि जो दबाया जा रहा हो उसे सहारा भी दे

यदि मैं तुझसे इसलिए दबता हूँ कि तू ज़ोरदार है,

मुझे नुक्सान पहुंचा सकता है तो मैं तुझे मनुष्य नहीं,

ज़ालिम राक्षस समझता हूँ

और मेरे इस प्रकार सर झुकाने से तू राज़ी होता है

तो तेरे बराबर कोई मूर्ख नहीं


- हरिभाऊ उपाध्याय




Friday, July 16, 2010

अकृतज्ञ मानव से एक कृतज्ञ कुत्ता बेहतर है




अगर इन्सान

सुख-दुःख की चिन्ता से ऊपर उठ जाये

तो आसमान की ऊँचाई भी उसके पैरों तले जाये..........



अकृतज्ञ मानव से एक कृतज्ञ कुत्ता बेहतर है


- शेख सादी



Thursday, July 15, 2010

परवाह नहीं कुछ भी हो गया हो





बर्ताव वह आईना है जिसमें हर-एक अपना प्रतिबिम्ब दिखलाता है

- गेटे


हमेशा ऐसे बर्ताव करो मानो कुछ नहीं हुआ,

परवाह नहीं कुछ भी हो गया हो

-आर्नोल्ड बैनेट


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Tuesday, July 13, 2010

बन्दी राजा से स्वतन्त्र पक्षी होना अच्छा




बन्दी राजा से स्वतन्त्र पक्षी होना अच्छा

- जर्मन कहावत


दुष्ट आदमी को दौलत और इज़्ज़त देना,

गोया बुखार के मरीज़ को तेज़ शराब पिलाना है

- प्लूटार्क



Monday, July 12, 2010

जिसने संसार के बड़े भाग को परतंत्रता की ज़ंजीरों में जकड़ रखा है




कूटनीति  

प्रकृति मानवीय नियमों के विरुद्ध  एक ऐसा दुर्गुण है 

जिसने संसार के बड़े भाग को परतंत्रता  की ज़ंजीरों में  जकड़ रखा है 

और जो मानवता के विकास  में  बड़ी बाधा है 



-रोमां रोलां 





लोजी लग गई वाट अपनी तो.............


मैंने कहा तन्हाई सही नहीं जाती

ये ज़ालिम जुदाई सही नहीं जाती

याद में तेरी

नींद उड़ती है, चैन खोता है

जान जाती है, दिल रोता है

कुछ समझ नहीं आता

पता नहीं क्या क्या होता है


वो बोली भैया जल्दी से डाक्टर को दिखादे

बर्ड फ्लू ऐसा ही होता है


______लोजी लग गई वाट अपनी तो.............


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Friday, July 9, 2010

नयी बोरी खोलने की क्या ज़रूरत थी ?




पति-पत्नी ने दैहिक आनन्द अर्थात मौजमेला करने का कोड वर्ड

बना रखा था " चलो चीनी खायें "


एक दिन उनका नौकर रामू उनकी जवान बेटी के साथ मौजमस्ती

करता रंगे हाथ पकड़ा गया

मालिक - ये क्या कर रहा है हरामखोर !

रामू - थोड़ी सी चीनी खा रहा हूँ मालिक !

मालिक - मालिक के बच्चे, थोड़ी सी खानी थी तो नयी बोरी खोलने

की क्या ज़रूरत थी ? खुली हुई में से ही खा लेता ...

Wednesday, July 7, 2010

ब्लॉग अपडेट रखने के लिए कुछ न कुछ तो लिखना ही पड़ता है





सुबह सुबह पति-पत्नी का ज़बरदस्त झगड़ा हुआ था

शाम को दफ़्तर से लौटते समय पति ने घर फोन किया -

डार्लिंग क्या पका रही हो ?

ज़हर के पकौड़े......पत्नी ने जवाब दिया

ठीक है, तुम खा लेना, मैं तो एक पार्टी में जा रहा हूँ

वहीँ से खा कर लौटूंगापति का जवाब था


________मुझे मालूम है इस चुटकुले पर किसी को हँसी नहीं आएगी,

परन्तु ब्लॉग अपडेट रखने के लिए कुछ कुछ तो लिखना ही पड़ता है

इसलिए लिख दिया ..हा हा हा हा हा हा हा

-अलबेला खत्री




तब तो बड़ा मज़ा आएगा

पति बोला -

ये मुन्ना हद कर रहा है

गधे पे बैठने की ज़िद कर रहा है


पत्नी बोली -

तब तो बड़ा मज़ा आएगा

कन्धे पे बिठालो, छोरा ख़ुश हो जायेगा


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Monday, July 5, 2010

विवेक सतत समान है

भावुकता  एक क्षणिक वेग है, 

तूफान है, 

बाढ़ है ; 

विवेक  सतत समान है


-अज्ञात महापुरूष

Sunday, July 4, 2010

न भी मिले तो वह उनकी सृष्टि कर लेगा



जिसने अपना  रास्ता निकालने का फैसला कर लिया  है  

उसे हमेशा काफ़ी अवसर मिल जायेंगे, 

न भी मिले तो वह  उनकी सृष्टि कर लेगा .

-स्माइल्स 

 

वह पुस्तकों के जादू भरे पृष्ठों पर सुरक्षित है



मनुष्य  जाति ने जो कुछ  किया,  

सोचा और पाया है 

वह  पुस्तकों के जादू भरे पृष्ठों पर  सुरक्षित है 

- कार्लाइल 



अच्छी पुस्तक वह है जो आशा से खोली जाये 

और लाभ के साथ बन्द की जाये 

एमो ब्रान्सन अलकाउट 





Friday, July 2, 2010

अपने पदचिन्हों को मुझे अपने हृदय में रखने दो



किनारा  नदी से कहता है - 


मैं तुम्हारी  लहरों को नहीं रख सकता .  


अपने पदचिन्हों को मुझे अपने हृदय में रखने दो . 


- गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर 







धनवान होना अच्छा है, बलवान होना अच्छा है, 



लेकिन  बहुत से मित्रों का  प्रेम-पत्र होना  और भी अच्छा है 


-यूरिपिडीज़





Thursday, July 1, 2010

कल अदालत में क्या दिखाओगे ?


नंगलाल को बहुत ज़ोर से रहा था

मगर वो कर नहीं पा रहा था

करने में और कोई दुविधा नहीं थी

परन्तु मुम्बई की भीड़ में

एकान्त की सुविधा नहीं थी

बेचारे के साथ टंटा हो गया

रोके रोके जब घंटा हो गया

और भीतर के जल का ज्वार जब सब्र के बाँध से बड़ा हो गया

तो मजबूरी में उसने आव देखा ताव

एक झाड़ की लेली आड़ और लोगों से मुँह फेर कर खड़ा हो गया

एक पुलिस वाला देख रहा था

वो आया, डंडा दिखाया और बोला - चलो !

नंगलाल भी पक्का गुजराती था

बोला- चलो !

चालो................अरे हालो रे हालो...............

पण मोटा भाई ! तुम ये सुबूत तो उठालो

अगर तुम ये सामान नहीं उठाओगे

तो कल अदालत में क्या दिखाओगे ?



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