बाबा नंगलाल जन्म से ही मेधावी और पराक्रमी प्रकार के जीव
थे। रंगलाल की पत्नी श्रीमती संगलाल ने जब उन्हें एक शिशु के
रूप में विधिवत जन्म दिया था तब उन्होंने अपनी दोनों मुट्ठियाँ
कस कर बाँधी हुई थीं । डाक्टरों द्वारा कोई चार घण्टे की जद्दोजहद
के बाद कहीं उस बालक की मुट्ठियाँ खुलीं तो रंगलाल की आँखें
फटी की फटी रह गईं क्योंकि
बालक की एक मुट्ठी में थी i pill
और दूसरी मुट्ठी में लिखा था :
जाको रखे साइयाँ, मारि सकै ना कोय
जय हिन्द !