रंगलाल का बेटा नंगलाल रो रहा था । बुक्का फाड़ फाड़ कर
रो रहा था । बाप ने रोने का कारण पूछा तो उसने कहा- मैं
जब भी बाहर जाने लगता हूँ तो मम्मी मना कर देती है कि
अभी छोटा है, बाहर मत जा, अभी छोटा है बाहर मत जा ...
मैं इतना बड़ा कब होऊंगा जब मम्मी से पूछे बिना बाहर जा
सकूँगा ?
ये सुन कर रंगलाल भी रोने लगा । बोला - बेटा ! इत्ता बड़ा तो
अभी मैं भी नहीं हुआ हूँ .................हा हा हा हा
# enjoy albela khatri as a neta
TONIGHT - 17 DEC.at 10 P.M.
ON STAR ONE
in laughter ke phatke
5 comments:
हा हा हा हा
हम भी अभी तक इतने बड़े नहीं हुए हैं।
ये रंगलाल आखिर है कौन?
यह कब बडा होगा?
सबका यही हाल है, भैया।
और रंगलाल और नंगलाल को रोता देख ..मां उमंग लाल ठहाका मार के हंसने लगती है ..हू...हा हा हा ..
आपका नेता वाला रूप देखा। आप जितने अच्छे कवि हैं उतने ही अच्छे गायक भी। बहुत मज़ा आया। आभास को ज़ोरदार टक्कड़ दी आपने। ढ़ेरों शुभकामनाएं।
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