Wednesday, December 30, 2009

लाफ़्टर के फटके एक बार फिर हाज़िर है......

4 comments:

श्यामल सुमन said...

सुन्दर। मजा आ गया अलबेला भाई।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

अच्छे फटके हैं जी!
बधाई!

Udan Tashtari said...

एक बार फिर देख लिया. :)


मुझसे किसी ने पूछा
तुम सबको टिप्पणियाँ देते रहते हो,
तुम्हें क्या मिलता है..
मैंने हंस कर कहा:
देना लेना तो व्यापार है..
जो देकर कुछ न मांगे
वो ही तो प्यार हैं.


नव वर्ष की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.

दिनेशराय द्विवेदी said...

तो नंगलाल भी पड़ गया चक्कर में लिंगभेद के।

नववर्ष के आगमन पर आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ!

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