Friday, July 1, 2011

जब रिश्वत में तीन वरदान देवता ख़ुद दे रहे हैं तो भारत से भ्रष्टाचार कौन मिटा सकता है ?





यमराज
के एजेन्ट रंगलाल को लेने आये थे लेकिन मिलते -जुलते

नाम की वजह से भूलवश अपने साथ नंगलाल को ले गयेऊपर जा कर

पता
लगा कि ये तो गलत आदमी गया


यमराज - जाओ भाई जाओ, वापिस जाओ


नंगलाल - ऐसे कैसे जाओ ? और

कहाँ जाओ ? क्यूँ जाओ ? इतनी मुश्किल से तो आया हूँ...........


यमराज - देखो प्यारे, तुम गलती से

गये हो, यहाँ तुम्हारी कोई ज़रूरत नहीं है


नंगलाल - ज़रूरत तो वहां भी नहीं सरजी ! अपन तो यहीं रहेंगे

...
और अगर भेजना ही है तो फिर मेरे

साथ ढंग से बात करो..और तीन

वरदान दो, क्योंकि मैं जानता हूँ देवताओं से कोई चूक होजाती है तो वे

सामने वाले का मुँह बन्द करने के लिए उसे वरदान देते हैं


यमराज - मांग लाले मांग ! क्या चाहिए.........


नंगलाल - पहला वरदान : मुझे इतना धन मिल जाये कि मेरी सौ पीढियां भी उडाये तो कम पड़े...


यमराज - डन !


नंगलाल - दूसरा वरदान : मेरे माँ बाप फिर जवान हो जाएँ और उन्हें कभी कोई तकलीफ़ हो


यमराज - ये भी डन !


नंगलाल - मेरा काम होगया, माँ बाप का भी हो गया । अब तीसरा वरदान ऐसा दो बोस ! कि हिन्दुस्तान से भ्रष्टाचार बिलकुल ख़त्म हो जाये ।


अब के यमराज को बहुत गुस्सा आया । बहुत बोले तो बहुत गुस्सा आया लेकिन वो कुछ बोले नहीं । परन्तु उनके भैंसे से बर्दाश्त नहीं हुआ । उसने एक टक्कर मारी और बोला - हरामखोर आदमी.........जब रिश्वत में तीन वरदान देवता ख़ुद दे रहे हैं तो भारत से भ्रष्टाचार कौन मिटा सकता है ?

तकनीकी दुविधा के कारण ये पोस्ट ढंग से सैट नहीं हो सकी...क्षमा चाहता हूँ ..लेकिन देने को वरदान एक भी नहीं ...हा हा हा हा


hasyakavi,rangla,nanglal,albela khatri,kavita,surat

4 comments:

DR. ANWER JAMAL said...

वाह !!!
‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘ की लेखमाला का सिलसिला हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम पर शुरू हो चुका है।
आपसे शिरकत की दरख्वास्त है।
लिंक नीचे है
<a href="http://hbfint.blogspot.com/2011/06/hindi-blogging-guide-3.html>http://hbfint.blogspot.com/2011/06/hindi-blogging-guide-3.html</a>

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

तकनीकी खराबी :) :) :) रिश्वत भी ढंग से देना न आया )

दिनेशराय द्विवेदी said...

यहीं तो भ्रष्टाचार की जड़ है।

सुनील गज्जाणी said...

namaskaar ! kise dosh de bhrashtaachaar ke liye , pehle swayam ko hi talashnaa padegaa .
saadar

Labels

Followers

Powered By Blogger

Blog Archive