Thursday, September 30, 2010

भाईचारे के नाम पर नंगलाल की पिटाई .......




नंगलाल बुक्का फाड़ फाड़ कर रो रहा था और रंगलाल उसे लगातार

पीटे जा रहा था । ये देख कर निहंगलाल से रहा न गया


निहंगलाल - क्यों पीट रहे हो इसको ?


रंगलाल - पीटूं नहीं तो क्या आरती उतारूँ इसकी ? पूरा देश भाईचारे

के लिए दुआ मांग रहा है और ये कमबख्त बकता है कि अब देश में

भाईचारा आ ही नहीं सकता..............


नंगलाल - हाँ हाँ नहीं आ सकता .........

निहंगलाल - लेकिन क्यों नहीं आ सकता ?


नंगलाल - इसलिए नहीं आ सकता क्योंकि 'भाई' तो दुबई में बैठा है

और चारा लालू प्रसाद यादव के पेट में है


9 comments:

विवेक सिंह said...

ठीक ही तो कह रहा है बेचारा :)

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

भाई को लाओ, चारा खुद ब खुद उगल आएगा :)

समय चक्र said...

गजब के हैं रंगलाल नंग लाल और निहंग लाल ... खूब कहर ढा रहे हैं ..,आनंद आ गया ...
आज ब्लॉग "समयचक्र" हैकर का शिकार हो गया था ....हैकर से बचे अपने पास वार्ड बदल लें ....

समय चक्र said...

गजब के हैं रंगलाल नंग लाल और निहंग लाल ... खूब कहर ढा रहे हैं ..,आनंद आ गया ...
आज ब्लॉग "समयचक्र" हैकर का शिकार हो गया था ....हैकर से बचे अपने पास वार्ड बदल लें ....

राजीव तनेजा said...

हा...हा...हा....

मजेदार ...सही कटाक्ष किया है

पद्म सिंह said...

लेकिन भाईचारा के अतिरिक्त कोई चारा नहीं है भाई

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत बढ़िया कटाक्ष

योगेन्द्र मौदगिल said...

wah bhai wah.....

The cost of enterprise mobility solutions said...

wah vare wah..

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