Sunday, September 5, 2010

शादी से पहले, शादी के बाद




शादी से पहले---------------

प्रेमिका - चाँद कहाँ है डार्लिंग ?

प्रेमी - चाँद तो दो-दो जगह हैं जानेमन !

एक मेरी गोद में और दूसरा आकाश में ...


शादी के बाद------------

पत्नी - चाँद कहाँ है पप्पू के पापा ?

पति - अन्धी है क्या ?

वो ऊपर आकाश में क्या तेरा बाप टार्च लेकर खड़ा है ?


8 comments:

DR. ANWER JAMAL said...

anwer3Nice post .

डॉ टी एस दराल said...

हा हा हा ! ऐसा ही होता है ।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आज तो शिक्षक दिवस मनाइए ना!
--
भारत के पूर्व राष्ट्रपति
डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिन
शिक्षकदिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

Unknown said...

सही बात है! शादी के पहले और शादी के बाद बहुत कुछ बदल जाता है। :)

शिवम् मिश्रा said...


बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाइयाँ और शुभकामनाएं | आशा है कि अपने सार्थक लेखन से आप ऐसे ही ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।

आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें

arvind said...

हा हा हा !

शरद कोकास said...

और बुढापे मे एक रात मे तीन तीन चान्द खिले भी तो हो जाते है हाहाहा..

PRAN SHARMA said...

IK RAAT MEIN DO - DO CHAAND KHILE
IK GHOONGHAT MEIN IK BADLEE MEIN
AAP COMEDY SHAHENSHAH HAIN.

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