Sunday, July 18, 2010

उन्हीं को अधिक बोलने की लत होती है



जो लोग अपने मन की बात को 

थोड़े से चुने हुए शब्दों में कहना नहीं जानते,  

वास्तव में  उन्हीं को  अधिक बोलने की लत होती है 


-तिरुवल्लुवर 



संक्षिप्तता, खुशगोई की जान है 


-शेक्सपीयर 


 

2 comments:

कडुवासच said...

...बेहतरीन!!!

शिवम् मिश्रा said...

सत्य वचन महाराज !

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