Monday, March 8, 2010

हुशियारी नंगलाल की .......




रंगलाल का बेटा नंगलाल हुशियारी में अपने बाप का भी बाप है ।

उसे ज्ञान देना बड़ा मुश्किल है । लेकिन बाप कोशिश नहीं छोड़ता,

असफल प्रयास करता रहता है ।


अभी कल ही उसने माचिस की तीली जला कर पूछा - बताओ

नंगलाल ये आग कहाँ से आई ? नंगलाल की समझ में कुछ नहीं

आया तो उसने फूंक मार कर तीली बुझादी और बोला - पहले ये

बताओ की आग गई कहाँ ?

















www.albelakhatri.com

3 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत सही!

Astrologer Sidharth said...

इसे कहते हैं ऊर्जा परिवर्तन,

सुबह सुबह ढीले शरीर में गुदगुदाती पोस्‍ट घुसती है तो खिलखिलाहट निकल आती है।

यही आग के साथ हुआ...

राजीव तनेजा said...

जैसे को तैसा मिला कर-कर लंबे हाथ :-)

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