रंगलाल और उसका बेटा नंगलाल बड़े मनोयोग से महात्मा जी का
प्रवचन सुन रहे थे जो उनकी ही सोसायटी में हो रहा था और सैकड़ों
नर-नारी सत्संग का लाभ ले रहे थे । तभी महात्माजी बोले- जिन
जिन को स्वर्ग जाना है अपने हाथ खड़े कीजिये..........लगभग सभी
ने हाथ खड़े किये लेकिन रंगलाल-नंगलाल ने नहीं किये ।
महात्माजी ने पूछा - क्यों बच्चा ! आप स्वर्ग नहीं जाना चाहते ?
नंगलाल - स्वर्ग जा कर क्या करेंगे बाबा ! जब ये सब लोग स्वर्ग
चले जायेंगे तो हमारे लिए तो ये सोसायटी ही स्वर्ग हो जायेगी...
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4 comments:
अजी स्वर्ग में तो आप खड़े हैं ।
नायग्रा कब गए ?
यह दोनो तो बहुत सायणे है जी.जबाब भी सही दिया
जिनके नर्क यहाँ हैं उनके स्वर्ग भी यहीं हैं ...
और जिनके स्वर्ग यहाँ हैं उनके सिर्फ स्वर्ग हैं यहाँ भी और वहाँ भी ।
भाई अलबेला जी,
आपके ब्लाग पर उंगलियां घुमा कर अच्छा लगा।पढ़ने-जान ने को खूब मिला। अच्छे संकलन के लिए बधाई!यदि मैँ गलत नही हूं तो क्या आप श्रीगंगानगर वाले ही अलबेला खत्री हैँ ना ?
-ओम पुरोहित'कागद' omkagad.blogspot.com
mob09414380571
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