रंगलाल का बेटा नंगलाल स्कूल से घर आ रहा था । अचानक रास्ते
में ज़ोर से बरसात आ गई जिस कारण वह भीगता-भागता ही
सड़क पर चल रहा था कि अचानक पाँव फिसलने से कीचड़ में गिर
गया तभी आकाश में ज़ोरदार बिजली चमकी।
नंगलाल ने ख़ुद की हालत देखी और फिर आकाश की तरफ मुँह
करके बोला - वाह भगवान् ! पहले कीचड़ में गिरा दिया फिर
फोटो भी खींच ली ..........
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5 comments:
मजेदार है.
वैसे यह सुना हुआ था..कुछ नया पढाएँ..
अल्बेला जी, नंगलाल तो खैर ठीक है लेकिन आपने ये सन 1947 की तस्वीर क्यूँ लगा रखी है...हा हा हा :-)
इस कला में आप कुशल हैं!
भैया यह आप ही हो क्या ?\ होली की शुभकाम्नायें
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