बधाई हो !
हम जी रहे हैं एक funny मुल्क में
जहाँ पिज़्ज़ा हमेशा समय पर पहुँचता है , लेकिन पुलिस ,
एम्ब्युलेंस और फायर ब्रिगेड हमेशा लेट होते हैं ।
हम जी रहे हैं एक funny मुल्क में
जहाँ कार लोन 5% पर मिल जाता है , लेकिन एज्युकेशन लोन 12%
और होम लोन 9% पर लेना पड़ता है ।
हम जी रहे हैं एक funny मुल्क में
जब चार लोग तभी एक साथ शान्ति से बैठते हैं जब पाँचवां मर जाए ।
हम जी रहे हैं एक funny मुल्क में
जहाँ आपसी मार पीट करने वालों को जेल जाना पड़ता है और
कत्लेआम करने वाले राज करते हैं
हम जी रहे हैं एक funny मुल्क मेंजहाँ सालों की कड़ी मेहनत के बाद डिग्रियां पाने वाले सन्त्री की नौकरी
के लिए मारे-मारे फिरते हैं और अंगूठा छाप मुख्य मन्त्री बन जाते हैं
___________शर्म नाक
___________दुखद
___________लेकिन सत्य .............
- अलबेला खत्री
6 comments:
आदरणीय शास्त्री जी की कविता की ये चार लाइने दिल में रच बस गई है :
मँहगाई की मार लोग झेल रहे हैं,
नेता घर में बैठे दण्ड पेल रहे हैं,
सिंहासन पर बैठी नही लाश चाहिए।
गधों को मिठाई नही घास चाहिए।।
सत्य वचन महाराज !!
हम जी रहे हैं एक funny मुल्क में
जब चार लोग तभी एक साथ शान्ति से बैठते हैं जब पाँचवां मर जाए ।
bahut sundar abhivyakti albelaaji!!! sachchaai!!!! kadwi sachaai !!!!
जहाँ पिज़्ज़ा हमेशा समय पर पहुँचता है ,
और मंगाने वाला सोचता है की समय पर न ही आये तो अच्छा.
क्या बात है खत्री जी. अच्छा व्यंग.
वाह्! कमाल लिखा है आपने! जिसकी हरेक पंक्ति में एक सच......
सत्य वचन महाराज्।
अलबेला बाबा ज़िंदाबाद्।
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