Thursday, November 5, 2009

जब के के नायकर ने हँसा हँसा कर लोट पोट कर दिया पुरोधा पत्रकार प्रभाष जोशी को



पत्रकारिता
के पुरोधा और योद्धा पुरूष प्रभाष जोशी स्वभावतः जितने

संजीदा थे, उतने ही विनोद प्रेमी भी थेमैंने उन्हें लेखनी से आग

उगलते भी देखा है और हँसते हँसते लोट पोट होते हुए भी


कोई तीन साल पहले, खबरिया चैनल ndtv india ने 13 एपिसोड का

एक हास्य धारावाहिक बनाया था "सबसे पोलिटिकली इनकरेक्ट

कौन ?" उसके दसवें एपिसोड में प्रभाषजी आए थे निर्णायक के

रूप मेंकलाकारों में मैं था, दिल्ली के प्रदीप पल्लवी थे, कानपुर के

प्रिंस थे और साथ ही मुख्य रूप से थे भारत में स्टैण्ड अप कॉमेडी के

जनक जबलपुर निवासी के.के.नायकर जिन्हें देखते ही प्रभाषजी

बाग़-बाग़ हो गए थेक्योंकि अनेक दशकों पहले वे उनकी कला का

आनन्द ले चुके थेयहाँ तक कि "चाट का ठेला" तो उनको पूरी की

पूरी याद थी


फ़िर क्या थाहमें तो उन्होंने सराहा लेकिन जैसे ही के के नायकर

ने अपने जलवे दिखाए, प्रभाषजी हँसते हँसते लोट पोट हो गए थे

और इतने बढ़िया अंक उन्होंने हमें दिए थे जितने मनु अभिषेक

संघवी, साहिब सिंह वर्मा, अजय जाडेजा, सुधीर तैलंग, अमर सिंह,

विनोद दुआ, कीर्ति आज़ाद, मुख्तार अब्बास नक़वी देबांग इत्यादि

ने नहीं दिए थे


उनके खिलखिलाते मुख मण्डल की आभा आज भी भली-भान्ति याद है

काश ! वे और हँसते-मुस्कुराते ! काश ! वे शतक लगा जाते...............

........लेकिन ईश्वर के आगे किसकी चली है.............उनका निधन हमें

गहरी वेदना दे गया है. दिवंगत आत्मा की सदगति के लिए प्रभु से

प्रार्थना और विनम्र आदरांजलि .. शान्ति शान्ति शान्ति !


-अलबेला खत्री

10 comments:

Unknown said...

के.के. नायकर जी के तो हम भी कायल हैं! उनकी स्काइलैब वाली मिमिक्री तो बेजोड़ है!!

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

अब यादें रह गयी हैं. जोशी जी सुनना अच्छा लगता था. कम लोग हैं जो खरी खरी कहने का आज माद्दा रखते हैं.

Mithilesh dubey said...

ऐसे जीवंत पुरुष का हमारे बीच से जाना काफी दुःखद एहसास रहा।

Urmi said...

प्रभाष जी जैसे इतने महान और निष्ठावान इंसान के चले जाने से बहुत दुःख हुआ! उनका स्थान कोई नहीं ले सकता! हम उन्हें हमेशा याद रखेंगे!

Murari Pareek said...

badi musjkil se hota hai chaman me didwar paidaa!!! prabhash joshi ko hamaaraa shradha suman arpan!!!

अविनाश वाचस्पति said...

प्रभाष जोशी जी के विचार सदा लिखने का जोश जगाते रहेंगे। विनम्र श्रद्धांजलि।

Girish Kumar Billore said...

prabhas ji ke sath k k bhaai ke baare mem likh kar apane du:kh se dohara kar diya hame aaj kal we behad sankat ke dour men hai.

Anonymous said...

प्रभाष जी को विनम्र श्रद्धाँजलि

यह जान कर दुख पहुँचा कि नायकर जी आजकल संकट के दौर में हैं।

बी एस पाबला

sanjeev khudshah said...

के के नायकर का मै भी बडा फैन हू। एक समय था जब मे उनकी नकल किया करता था। आज कल वे कहा है यदि कोई सम्पर्क हो तो बताऐं।

Anonymous said...

www.kknaiker.blogspot.com

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