Tuesday, September 10, 2013

गणपति बाप्पा मोरिया, हरो हमारी पीर


गणपति का शुभ आगमन, मांगल्य की खान
स्वागत में दिनरात हम, करें सतत गुणगान

गणपतिजी के कान तक, पहुंचे यह सन्देश
महंगाई में घिर गया, पूरा भारत देश

गणपति बाप्पा मोरिया, हरो हमारी पीर
महंगाई ने भर दिया, नयन नयन में नीर

गणपति बाप्पा आइये, रिद्धि सिद्धि के संग
प्रसराओ इस देश में, सुख  के सुरभित रंग

गणपतिजी अब कीजिये, ऐसा पक्का काम
तन नीरोगी हों सभी, मन में  हो विश्राम
-अलबेला खत्री

ganeshotsav 2013 by hasyakavi albela khatri

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Friday, September 6, 2013

टीकम म्युज़िक बैंक प्रस्तुत हिन्दी कवियों और उर्दू शायरों का संगम "काव्य-कुम्भ"


हिन्दी हास्यकवि अलबेला खत्री द्वारा स्थापित टीकम म्युज़िक बैंक  के  पहले  ऑडियो एल्बम " काव्य-कुम्भ " में  अनवर फारुकी, कलाम आज़र , महबूब आलम,  शाहजहाँ शाद,  पूनम गुजरानी, संगीता अग्रवाल, अज्ञानी कवि, चंद्रशेखर प्रसाद व पारस सोनी को शामिल किया गया है .

कविता के मंच पर मौलिक कविता  के अभाव को देखते हुए  कुछ पुराने कवियों को सम्मान देने और कुछ नितान्त नए रचनाकारों को  प्रोत्साहन देने के लिए निर्मित काव्य-कुम्भ  का पहला भाग बन कर तैयार है और जल्द ही इसका लोकार्पण समारोह  होगा .




Tuesday, September 3, 2013

आसाराम बापू अपने संकट का निवारण करने के लिए यदि निर्मल दरबार में जाते तो वहां ऐसा कुछ होता


आसाराम बापू  अपने पर आये संकट  का निवारण करने के लिए यदि निर्मल  दरबार में  जाते तो वहां शायद ऐसा कुछ होता :

निर्मल बाबा :  भई  कहाँ से आये हैं आप ?

आसाराम     :  जी अभी तो जोधपुर से ही आया हूँ ..वैसे ठिकाने मेरे पूरी दुनिया में फैले हैं ..

निर्मल बाबा  :  करते क्या हैं आप ?

आसाराम      :  जी, लोगों के सांसारिक दुःख दूर करके उन्हें  परमात्मा से मिलाता हूँ , लेकिन  ख़ुद के नहीं मिटा पाया  इसलिए  आपके पास आया हूँ

निर्मल बाबा  :  अर्थात जिस प्रकार  एक हज्जाम अपने बाल दूसरे हज्जाम से कटवाता है  उसी प्रकार आज एक बाबा  दूसरे बाबा के पास  अपने संकट कटाने आया है .....

आसाराम      :   जी बाबा ..आप तो सब जानीजान हैं ....

निर्मल बाबा   :  भई  ये जेल बड़ी आ रही है सामने ..........क्या आपने कभी कोई जेल देखी है ?

आसाराम       :  जी हाँ, आजकल तो सपने में  रोज़ जेल ही दिखाई देती है ...

निर्मल बाबा   :  तो एक बार सपने से निकल कर,  पूरी जागृत अवस्था में कुछ दिन जेल में रह कर आ जाओ, किरपा वहीँ अटकी हुई है ....

आसाराम        :  जी बाबा जी ........बोल निर्मल दरबार की जय

परमपाखण्डी बाबा अलबेलानंदजी परमकंस के फ़ेसबुकिया प्रवचनों से साभार

https://www.facebook.com/AlbelaKhatrisHasyaKaviSammelan?ref=hl







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