Friday, July 22, 2011

क्योंकि चाँद मेल और मेरी प्रेमिका फ़ीमेल है,.................





रंगलाल   -  वाह नंगू वाह !  शाबास !  तेरी पसन्द  पे नाज़ है मुझे

तू  जिस लड़की  से आँख-मटक्का करता है  वो बिलकुल चाँद है चाँद

नंगलाल  -  पापा ...आज तो आपने कह दिया और मैंने सुण लिया

..अब दोबारा  मेरी  प्रेमिका को  कभी चाँद मत कहना ......


रंगलाल  -  क्यों भई ?  क्या हुआ.........?



नंगलाल  -  हुआ कुछ नहीं, पर आपकी  बात बेमेल  है, क्योंकि  चाँद  मेल


और  मेरी प्रेमिका फ़ीमेल है,


इसके  अलावा चाँद  दागदार है और  प्रेमिका आगदार  है



रंगलाल  -  बस इत्ती सी बात........


नंगलाल  -  बात इत्ती सी नहीं है,,,,,,,,,


चाँद पे अब तक 17 लोग चढ़ चुके हैं  जिनमे से एक कुत्ता भी था...हा हा हा



  lokarpan samaroh of 'saagar me bhi sookha hai man' the book of  hasyakavi albela khatri  at mumbai


5 comments:

विशाल सिंह (Vishaal Singh) said...

वाह - वाह खत्री साहब,
ये नंगलाल तो अपने
बाप का भी बाप निकल गया,
फीमेल प्रेमिका के चक्कर में
चाँद मेल पर कुत्ता लेके चढ़ गया...

S.M.Masoom said...

ha ha ha wah naglaal aur wah albela jee.

Saleem Khan said...

ha ha ha ha ha ha


आजकल ज़मीनों और कमीनों का ज़माना है

Rakesh Kumar said...

'AAWAJ' ब्लॉग पर आपकी टिपण्णी पढ़ी

'he hanuman bachalo............ '

फिर आ जाईये न मेरे ब्लॉग पर.
हनुमान लीला पर अपने सुविचार प्रस्तुत करने के लिए,अलबेला भाई.

ZEAL said...

you have so many blogs. I really get confused where to comment and which blog has your latest post.

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