रंगलाल - वाह नंगू वाह ! शाबास ! तेरी पसन्द पे नाज़ है मुझे
तू जिस लड़की से आँख-मटक्का करता है वो बिलकुल चाँद है चाँद
तू जिस लड़की से आँख-मटक्का करता है वो बिलकुल चाँद है चाँद
नंगलाल - पापा ...आज तो आपने कह दिया और मैंने सुण लिया
..अब दोबारा मेरी प्रेमिका को कभी चाँद मत कहना ......
रंगलाल - क्यों भई ? क्या हुआ.........?
नंगलाल - हुआ कुछ नहीं, पर आपकी बात बेमेल है, क्योंकि चाँद मेल
और मेरी प्रेमिका फ़ीमेल है,
इसके अलावा चाँद दागदार है और प्रेमिका आगदार है
रंगलाल - बस इत्ती सी बात........
नंगलाल - बात इत्ती सी नहीं है,,,,,,,,,
चाँद पे अब तक 17 लोग चढ़ चुके हैं जिनमे से एक कुत्ता भी था...हा हा हा
lokarpan samaroh of 'saagar me bhi sookha hai man' the book of hasyakavi albela khatri at mumbai |
5 comments:
वाह - वाह खत्री साहब,
ये नंगलाल तो अपने
बाप का भी बाप निकल गया,
फीमेल प्रेमिका के चक्कर में
चाँद मेल पर कुत्ता लेके चढ़ गया...
ha ha ha wah naglaal aur wah albela jee.
ha ha ha ha ha ha
आजकल ज़मीनों और कमीनों का ज़माना है
'AAWAJ' ब्लॉग पर आपकी टिपण्णी पढ़ी
'he hanuman bachalo............ '
फिर आ जाईये न मेरे ब्लॉग पर.
हनुमान लीला पर अपने सुविचार प्रस्तुत करने के लिए,अलबेला भाई.
you have so many blogs. I really get confused where to comment and which blog has your latest post.
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