Sunday, June 26, 2011

किताब पढना तो कोई नंगलाल से सीखे.....





रंगलाल ने देखा उनका बेटा नंगलाल लुकछिप कर कोई किताब

पढ़ रहा है उन्होंने पूछा - क्या पढ़ रहा है रे नंगू ?


नंगलाल - किताब है पापा।


रंगलाल - वो तो मैं भी देख रहा हूँ कि किताब है, पर ये किताब है

कौन सी ?


नंगलाल - किताब का शीर्षक है 'बच्चों का लालन पालन कैसे करें ?'


रंगलाल - तुझे ये सब पढ़ने की क्या ज़रूरत है, तू तो ख़ुद ही

बच्चा है अभी


नंगलाल - इसीलिए तो पढ़ रहा हूँ.........मैं ये जानना चाहता हूँ कि आप

मेरा लालन पालन ढंग से कर रहे हैं या नहीं...हा हा हा हा आहा


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3 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

वाह!
चलो यह भी करके देख ही लेते हैं!
शायद हम भी पढ़ना सीख जाएँ!

डॉ टी एस दराल said...

हा हा हा ! बच्चा बाप का भी बाप निकला ।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

अरे! यह तो बडा नंगा निकला :)

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