Thursday, October 28, 2010

रंगलाल बनाम नंगलाल और बैंक खाता

नंगलाल की नौकरी बैंक में कैशियर के पद पर उसी बैंक में लग गई

जिसमे उसके पिता रंगलाल का खाता था । मौके का फायदा उठाने

के लिए रंगलाल कुछ फटे-पुराने नोट ले गया जमा कराने, लेकिन

नंगलाल ने वे नोट स्वीकार नहीं किये ।


नंगलाल : ये नोट बदलिए........

रंगलाल : क्यों क्या खराबी है ?

नंगलाल : फटे हुए हैं

रंगलाल : तो मैं कौनसा तुम्हारे खाते में जमा कर रहा हूँ, ख़ुद के

ही खाते में तो डाल रहा हूँ, जैसे हैं वैसे ही डाल दो.........

नंगलाल : तो मेरी क्या ज़रूरत है आपको ? अपने हाथों से ही

इन्हें अपनी पासबुक में दर्ज़ कर लीजिये ...और रूपये भी ख़ुद के

पास ही रख लीजिये ...ही ही ही


Albela Khatri, Online Talent Serach, Hindi Kavi

6 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

HAHAHAHAHHAHAHAHHAHAHHa

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

यह भी खूब रही!

राज भाटिय़ा said...

चले इस की रिपोट करे बेंक मे तभी इसे पता चलेगा जी:)

राम त्यागी said...

अच्छा रहा :-)

Aruna Kapoor said...

....हा, हा, हा!...बाप शेर तो बेटा सवा शेर!

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

:) :)

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