Thursday, September 23, 2010

डिमाण्ड नंगलाल की........परेशानी रंगलाल की..........




रंगलाल बहुत परेशान था । सिर पकड़ कर बैठा था ।

मैंने पूछा - क्या हुआ भाई ? क्यों मुँह लटका रखा है ?

वो बोला - क्या बताऊँ भैया , मेरे बेटे नंगलाल ने दुखी कर रखा है ।

जब देखो तब रुपया मांगता रहता है, इतना खर्चीला हो गया है कि

लगता है मुझे नंग करके छोड़ेगा ।


मैंने कहा - तू दुखी मत हो, उसे रूपये की वैल्यू बता.............


वो बोला - बतायी थी, तब से तो और भी ज़्यादा हैरान कर दिया है

क्योंकि अब वह डॉलर मांगता है......... ही ही ही ही ही

4 comments:

M VERMA said...

क्या गलत करता है!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आखिर बेटा किसका है?

राज भाटिय़ा said...

बहुत खुब जी

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

ha-ha सही है, जब उसे पता चल ही गया कि रूपये की भेलू सिर्फ ०.०२ सेंट ही है तो भला ............

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