Thursday, September 16, 2010

रंगलाल को नंगलाल का सही जवाब..............





नंगलाल ने नया नया भोजनालय खोला तो मुहूर्त के दिन रंगलाल भी

वहां गया और उसने खाना भी खाया । खाना खा कर रंगलाल ने सोचा

कि आज बेटे की दूकान का पहला दिन है, उसकी बोहनी खराब न हो

इसलिए थाली के पैसे दे देना चाहिए लेकिन नंगलाल चूँकि उसका बेटा है,

इसलिए पैसे वह लेगा नहीं, सो रंगलाल ने थाली के नीचे पचास का नोट

रख दिया जिसे नंगलाल ने देख लिया।


नंगलाल - नहीं पापा नहीं, ऐसा मत करो, ये नहीं चलेगा ..........

रंगलाल - रख ले बेटा रख ले...आज पहला दिन है....

नंगलाल - इसीलिए कह रहा हूँ कि ये नहीं चलेगा, आपने रखे हैं पचास

रूपये और माल खाया है एक सौ तीस का..........


5 comments:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

हां-हां हा ... वाह जी रंगलाल जी पक्के बनिया निकले !

arvind said...

ha ha ha.....

Unknown said...

नंगलाल तो खरा बिजनेसमैन निकला...धंधे में कैसी लिहाज :)

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत बढ़िया!
नंगई का जवाब नही!

पद्म सिंह said...

नंगलाल ने खूब रंग जमाया ... हा हा हा

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