Saturday, September 4, 2010

अन्तर्मुखता ही सच्चे शिक्षण की शुरूआत है -स्वामी रामतीर्थ




वास्तविक शिक्षा का आदर्श यह है

कि
हम अन्दर से कितनी विद्या

निकाल सकते हैं,

यह
नहीं कि बाहर से कितनी अन्दर डाल चुके हैं

-स्वामी रामतीर्थ


उन विषयों का पढ़ना

जो
हमारे जीवन में कभी काम नहीं आते,

शिक्षा नहीं है

-स्वामी रामतीर्थ


अन्तर्मुखता ही सच्चे शिक्षण की शुरूआत है

-स्वामी रामतीर्थ


2 comments:

Shah Nawaz said...

स्वामी राम तीर्थ जी की सभी सीख बेहतरीन लगी.


मेरी ग़ज़ल:
मुझको कैसा दिन दिखाया ज़िन्दगी ने

Udan Tashtari said...

आभार इस प्रस्तुति का.

Labels

Followers

Powered By Blogger

Blog Archive