Wednesday, July 7, 2010

ब्लॉग अपडेट रखने के लिए कुछ न कुछ तो लिखना ही पड़ता है





सुबह सुबह पति-पत्नी का ज़बरदस्त झगड़ा हुआ था

शाम को दफ़्तर से लौटते समय पति ने घर फोन किया -

डार्लिंग क्या पका रही हो ?

ज़हर के पकौड़े......पत्नी ने जवाब दिया

ठीक है, तुम खा लेना, मैं तो एक पार्टी में जा रहा हूँ

वहीँ से खा कर लौटूंगापति का जवाब था


________मुझे मालूम है इस चुटकुले पर किसी को हँसी नहीं आएगी,

परन्तु ब्लॉग अपडेट रखने के लिए कुछ कुछ तो लिखना ही पड़ता है

इसलिए लिख दिया ..हा हा हा हा हा हा हा

-अलबेला खत्री




11 comments:

Rajeev Bharol said...

अच्छा है.

Gyan Darpan said...

हा हा हा हा हा हा हा

आ गयी जी हंसी...............

शिवम् मिश्रा said...

सही कहा बड़े भाई इस लिए हम भी यह कमेन्ट दे रहे है !

डॉ टी एस दराल said...

हम तो इसलिए फोन ही नहीं करते , सीधे चले ही जाते हैं ।

देवेन्द्र पाण्डेय said...

ठीक है जाओ..तुम्हारी माँ कई दिनों से कह रहीं थी सो बना दिया..उन्ही को खिला दूंगी.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

घर की बाते ब्लॉग पर लाने के लिए बधाई!
--
आनन्द आ गया!

विनोद कुमार पांडेय said...

बहुत सही अलबेला जी, जो भी हो लिखते तो आप कमाल के ही हैं...धन्यवाद

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

ठीक है चुटकुले पर तो हँसी नहीं आई लेकिन आपकी बात पर जरूर आ गई :)

Udan Tashtari said...

अपडेट करते रहिये महाराज!

Satish Saxena said...

बड़ी गहरी निगाह रखते हो यार !

Unknown said...

आपका कहना बिल्कुल सही है कि ब्लॉग अपडेट करने के लिये कुछ ना कुछ लिखना ही पड़ता है।

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