Monday, July 12, 2010

लोजी लग गई वाट अपनी तो.............


मैंने कहा तन्हाई सही नहीं जाती

ये ज़ालिम जुदाई सही नहीं जाती

याद में तेरी

नींद उड़ती है, चैन खोता है

जान जाती है, दिल रोता है

कुछ समझ नहीं आता

पता नहीं क्या क्या होता है


वो बोली भैया जल्दी से डाक्टर को दिखादे

बर्ड फ्लू ऐसा ही होता है


______लोजी लग गई वाट अपनी तो.............


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2 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत खूब!
--
इस वाट का तो जवाब नही है!

शिवम् मिश्रा said...

बेहद उम्दा पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं!

आपकी चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं

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