Wednesday, July 7, 2010

तब तो बड़ा मज़ा आएगा

पति बोला -

ये मुन्ना हद कर रहा है

गधे पे बैठने की ज़िद कर रहा है


पत्नी बोली -

तब तो बड़ा मज़ा आएगा

कन्धे पे बिठालो, छोरा ख़ुश हो जायेगा


alok khatri, varde alok albela, hasya kavita , vidyarthi, baccha, guddu, mera pyara puttar,  gadhe ki sawari, poem in hindi

















www.albelakhatri.com

8 comments:

शिवम् मिश्रा said...

बहुत खूब ...................गनीमत है मेरा बेटा ऐसी कोई फरमाइश नहीं करता !!

The Straight path said...

बेचारा पति क्या करे !
यहाँ कुछ नहीं कर पता

दीनदयाल शर्मा said...

पति के बारे में तो पत्नी ही अच्छी तरह बता सकती है कि वह गधा है, घोड़ा है या इन्सान है..शिवम् जी कहते हैं....गनीमत है मेरा बेटा ऐसी कोई फरमाइश नहीं करता !!.........बेटा ऐसी फरमाइश क्यों करेगा...आप सारे दिन उसे बिठा कर घुमाते होंगे......कृपया बुरा मत मान जाना ...अपना समझ कर बात की है.. अलबेला जी, कभी हमारे ब्लॉग पर भी आ जाओ यार...
deendayalsharma.blogspot.com, ddji.blogspot.com,hansimajaak.blogspot.com,taabartoli.blogspot.com

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

कहाणी तो पुरी सुण ली भाई जी

फ़ेर ओ तो बताओ छोरे ने कंधे पे बठाया के नही?:)

राम राम

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर जी, यह छोरा आप का है क्या?? :)

Unknown said...

हाँ राज भाई साहेब !

यही तो है वो ऊत नंगलाल !

जिसका मैं हूँ रंगलाल

हा हा हा हा हा हा

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

"अनुव्रतः पितुः पुत्रो माता भवतु सम्मनाः!"

देवेन्द्र पाण्डेय said...

baithne se pahle gadhe ko ghoda samajh raha hoga....baithne ke baad kitna dukhii..!

ha ha ha ...saral shabdon men sunder hasy.

Labels

Followers

Powered By Blogger

Blog Archive