Wednesday, June 9, 2010

एक बुढ़िया बचपन में ही मर गई



दुनिया का सबसे छोटा चुटकुला :


एक बुढ़िया

बचपन में ही

मर गई

_____ हो सकता है इस से भी छोटा चुटकुला अथवा इस से भी

मज़ेदार चुटकी किसी के पास हो, पर अपने पास तो नहीं है भैया ..इसी से

काम चलाओ क्योंकि महंगाई का ज़माना है हर चीज़ आजकल छोटी

होती जा रही है दुकानों पर मिलने वाले चाय के कप से लेकर गन्ने के

जूस के गिलास ही देख लो.........हा हा हा हा





7 comments:

दिलीप said...

hi hi hi badhiya ek line ka chutkula

Dev K Jha said...

हा हा
अलबेला भैया, एक और सुनाएं का.....

के बी सी का सवाल:- क्या आपकी बीवी आपको आज भी मारती है. बताईए इसके बाद वह आदमी जीता होगा की हारा होगा.....

पी के शर्मा said...

वैसे सरकारी खाते में बुढ़ापे का बचपन 60 साल की उमर के बाद शुरू होता है, हो सकता है वह 61 वे साल में मर गयी हो

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

महँगाई का असर साफ नजर आ रहा है!

डॉ टी एस दराल said...

दो औरतें चुपचाप बैठी थीं ।
लो जी हो गया इससे छोटा ।

hem pandey said...

आजकल तो बच्चों में बचपन आता ही नहीं.

Udan Tashtari said...

मंहगाई की मार चुटकुलों पर दिखी.

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