Thursday, January 21, 2010

बच्चे बताते हैं कि आप में ऊर्जा कितनी है -अलबेला खत्री



हास्य कवि अलबेला खत्री का बिन्दास परफ़ॉर्मेंस

3 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

ऊर्जा के साथ श्रम भी है जरूरी।
पग बढ़ाने से ही होती साध पूरी।

डॉ टी एस दराल said...

भाई अलबेला जी, पिछले कई दिनों से आपका ब्लॉग खुल नहीं रहा है। पोस्ट का पता ही नहीं चल रहा की क्या लिखा है।

डॉ टी एस दराल said...

धांसू बॉस।
फायरफोक्स में जाकर खुला है।

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