Wednesday, January 6, 2010

चावल मिल गया तो इस छोकरी की वाट लगा दूंगा




रंगलाल अपने बेटे नंगलाल के साथ ढाबे में खाना खा रहा था

संयोग से नंगलाल को चावल में एक बाल नज़र गयावह

गुस्से में चिल्लाने लगा और ढाबा मालिक को खरी-खोटी

सुनाने लगाख़ूब हंगामा कर दियाखाने के पैसे भी नहीं

दिये, उलटे स्वास्थ्य अधिकारी को बुलाने की धमकी देकर

फ़ोकट में मिरिंडा भी पी लियाबाप ने बहुत समझाया कि

बेटा जाने दे ....हो जाता है ..लेकिन वह नहीं मानाहंगामा

करके ही दम लिया


शाम को रंगलाल जब टहलने निकला तो देखा, गांधी पार्क

में उनका लाल यानी नंगलाल एक छोकरी की गोद में सिर

रख कर लेटा था और उसके बालों में मुँह मारते हुए उनकी

तारीफ़ भी किये जा रहा थारंगलाल से रहा ना गया, उसने

अपना जूता निकाल लिया और 4-5 एक साथ टिका दिये ,

"हरामखोर ! वहाँ चावल में एक बाल आगया, तो उसकी

माँ-बहन एक करदी और यहाँ इस छोकरी के बालों में मुँह

मार रहा है ?"


नंगलाल बोला,"पापा ! गुस्सा करने की ज़रूरत नहीं है, बात

उसूल की हैवहाँ चावल में बाल था तो मैंने ढाबे वाले की

वाट लगाई ... अगर यहाँ बालों में एक चावल मिल गया तो

इस छोकरी की वाट लगा दूंगा"..........हा हा हा हा

7 comments:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

:)

राज भाटिय़ा said...

बाप रे :)

Unknown said...

सही है! चाँवल में बाल तो मिल सकते हैं किन्तु बाल में चाँवल?

पी के शर्मा said...

चावल की जगह जूं मिली तो क्‍या होगा।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

चुटकुला का चुटकुला।
बात की बात!

Kuldeep Saini said...

sahi hai

Urmi said...

क्या बात है!

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