Sunday, January 3, 2010

धरती फटने वाली है




पत्नी

गुस्से में नज़र आये

तो समझना धरती फटने वाली है


और पत्नी

मुस्कुराती हुई दिखे

तो समझना जेब कटने वाली है

________अर्थात तकलीफ़ दोनों तरफ़ है ....हा हा हा हा हा हा


##
यह
पोस्ट मैंने अपनी माँ, बहन, पत्नी और

पड़ोसन भाभी व उनकी बिटिया को दिखा दी है ।


किसी को कोई आपत्ति नहीं है

-अलबेला खत्री

8 comments:

Anonymous said...

हा हा

बी एस पाबला

विनोद कुमार पांडेय said...

यह अनुभव तो पत्नी वालों के लिए ज़्यादा कारगर है वैसे ठीक है फ्यूचर में मेरे भी काम आ सकती है..
मजेदार बढ़िया प्रस्तुति..धन्यवाद अलबेला जी!!

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

:)

राज भाटिय़ा said...

:)

परमजीत सिहँ बाली said...

वाह! यह भी खूब रही....

Udan Tashtari said...

जो भी हो..यह हो जाये...



’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’

-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.

नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'

कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.

-सादर,
समीर लाल ’समीर’

निर्मला कपिला said...

हा हा हा वाह

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

धाँसू....:)

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