Saturday, January 2, 2010

न तो टाइम मिलता है न ही मूड बनता है बच्चे पैदा करने का ।




नब्बे वर्ष की एक बुज़ुर्ग महिला अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रही थी । जब वह कुछ ठीक हुई तो उसने अपनी मुख्या चिकित्सिका से पूछा

- आपको कितने बच्चे हैं डॉ० साहिबा ?

डॉक्टर - बच्चे नहीं हैं माताजी..............

बुज़ुर्ग - क्यों ? शादी नहीं हुई आपकी ?

डॉक्टर - शादी तो हुए 6 साल होगये ....लेकिन बच्चे पैदा करने का समय ही नहीं मिला। क्योंकि मेरे पति बहुत बड़े वकील हैं । बहुत व्यस्त रहते हैं , यहाँ मैं रात-दिन व्यस्त रहती हूँ । इस कारण न तो टाइम मिलता है न ही मूड बनता है बच्चे पैदा करने का ।

बुज़ुर्ग - बुरा नहीं मानना डाक्टर साहिबा, मेरे 8  बेटे हैं, 6  बेटियां हैं, बेटों और बेटियों के कुल मिला कर 79  बेटे बेटियां हैं  और उनमें से कइयों  के कई कई बेटे बेटियां हैं . कुल मिला कर 1 7 4 लोगों का हमारा कुनबा है .  और जानती हो ये पूरा परिवार खड़ा करने में मुझे व मेरे पति को कितना समय लगा होगा ?

ज़्यादा से ज़्यादा  9 0 मिनट ....हा हा हा हा 

परमपाखण्डी बकबकाचार्य  बाबा अलबेलानन्दजी परमकंस  के फ़ेसबुकिया प्रवचनों से साभार








6 comments:

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा

महेन्द्र मिश्र said...

लगता है वकील साब कोर्ट की चौबीस घंटे नौकरी करते है हा हा हा

राज भाटिय़ा said...

:) मजेदार

राजीव तनेजा said...

हा...हा...हा...बहुत ही मज़ेदार

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

यह तो इस साल का सर्व-श्रेष्ठ लतीफा होना चाहिए।

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

:-)

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