Thursday, December 17, 2009

ये सुन कर रंगलाल भी रोने लगा..........




रंगलाल का बेटा नंगलाल रो रहा थाबुक्का फाड़ फाड़ कर

रो रहा थाबाप ने रोने का कारण पूछा तो उसने कहा- मैं

जब भी बाहर जाने लगता हूँ तो मम्मी मना कर देती है कि

अभी छोटा है, बाहर मत जा, अभी छोटा है बाहर मत जा ...

मैं इतना बड़ा कब होऊंगा जब मम्मी से पूछे बिना बाहर जा

सकूँगा ?



ये सुन कर रंगलाल भी रोने लगाबोला - बेटा ! इत्ता बड़ा तो

अभी मैं भी नहीं हुआ हूँ .................हा हा हा हा




# enjoy albela khatri as a neta
TONIGHT - 17 DEC.at 10 P.M.
ON STAR ONE
in laughter ke phatke



5 comments:

Unknown said...

हा हा हा हा

हम भी अभी तक इतने बड़े नहीं हुए हैं।

M VERMA said...

ये रंगलाल आखिर है कौन?
यह कब बडा होगा?

डॉ टी एस दराल said...

सबका यही हाल है, भैया।

अजय कुमार झा said...

और रंगलाल और नंगलाल को रोता देख ..मां उमंग लाल ठहाका मार के हंसने लगती है ..हू...हा हा हा ..

मनोज कुमार said...

आपका नेता वाला रूप देखा। आप जितने अच्छे कवि हैं उतने ही अच्छे गायक भी। बहुत मज़ा आया। आभास को ज़ोरदार टक्कड़ दी आपने। ढ़ेरों शुभकामनाएं।

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