Saturday, November 14, 2009

साले........नमक हराम क्रिकेटर !




एक बार फिर भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम से

हार गई हैबहुत लोगों को दुःख हुआउन्हें तो बहुत ही गहरा

आघात लगा जिन्होंने भारत की जीत पर सट्टा लगा रखा था



दुःख मुझे भी हुआ

लेकिन मुझे क्रिकेट की हार से दुःख नहीं हुआमैं तो ये सोच कर

दुखी हूँ कि ये ऑस्ट्रेलियाई कंगारू साले कितने नमक हराम

क्रिकेटर हैं .........अपने यहाँ आए, अपना खाया पिया और अपने

को ही हरा के चल दिए.......जबकि अपने खिलाड़ी इतने नमक हराम

नहीं हैं, ये बहुत वफ़ादार हैं , जहाँ जाते हैं , जिसका खाते -पीते हैं ,

उसी को जिता के चले आते हैं .....


ये है भारतीयता.........हा हा हा


12 comments:

निर्मला कपिला said...

वाह क्या बात कही शुभकामनायें

प्रमोद ताम्बट said...

हर किसी को अपना साला बनाने का आपको कोई हक नहीं है श्रीमान।

प्रमोद ताम्बट
भोपाल
www.vyangya.blog.co.in
www.vyangyalok.blogspot.com

M VERMA said...

sahee hai
namak kaa haq adaa karna hi chahiye

राज भाटिय़ा said...

नमक हलाल है इसी लिये तो मालामाल है:)

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

waah! kya baat kahi hai aapne.......

डॉ टी एस दराल said...

महमान जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है.
इसलिए हमने उनको जिता कर भेज दिया.
वैसे भी हमारे क्रिकेटर्स को रंगीनियों से ही कहाँ फुर्सत थी, जो क्रिकेट की सोचते.

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

सही कहा!!
उसी को "जीत" के.....जीत के की जगह "जिता" कर होना चाहिए था...कृ्प्या त्रुटि सुधार लें ।

सुनीता शानू said...

बिलकुल सही बात कही आपने।

Unknown said...

bahut bahut dhnyavaad pt. vats ji!

aapne bhool sudharvadi...........

aapka haardik aabhaar !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी नजर में तो ये नमक हरामी है
और उनकी नजर में य गौरव की पताका है।

Urmi said...

आपने बिल्कुल सही फ़रमाया है!

शरद कोकास said...

अगली बार कहना अपना खाना राशन खुद लेके आये ।

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