Saturday, November 14, 2009

रंगलाल के बेटे नंगलाल ने मनाया बाल दिवस




रंगलाल का बेटा नंगलाल

आज सुबह सुबह अपने बालों में सफ़ेद रंग लगा कर उन्हें काले से

सफ़ेद
कर रहा थाबाप ने ये देखा तो पूछे बिना रहा गया



रंगलाल : ये क्या हो रहा है ?

नंगलाल : बाल दिवस मना रहा हूँ बाल सफ़ेद कर के ?

रंगलाल : मगर बाल सफ़ेद कर क्यों रहा है ?

नंगलाल : आप काले क्यों करते हैं ?

रंगलाल : मैं तो जवान दिखने के लिए करता हूँ बेटा ! क्योंकि

आजकल मार्केटिंग के लिए जवान दिखना चाहिए...

नंगलाल : मैं इसलिए कर रहा हूँ कि घर में कोई एक आध

बुजुर्ग भी होना चाहिए.....हा हा हा हा



6 comments:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

भाई साहब , मैं किन शब्दों में आपकी तारीफ़ करू ? वाकई जो आपने लिखा है भले ही वह हास्यास्पद हो लेकिन सच्चाई भी वही है !

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर जी घर मै कोई सायना भी दिखना चाहिये ना

मनोज कुमार said...

ऐसा लगा कि आप बहुत सूक्ष्मता से एक अलग धरातल पर चीज़ों को देखते हैं।

डॉ टी एस दराल said...

हा हा , बढ़िया जी.
पा की याद आ गयी.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

ये बाल-दिवस तो बहुत बढ़िया रहा!

शरद कोकास said...

खाँसने की भी प्रक्टिस करो नंगलाल

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