Tuesday, November 24, 2009

बबली की जिज्ञासा शान्त की सुधा ओम ढींगरा ने.....




बबलीजी के मन में कई दिनों एक सवाल उठ रहा थाउन्होंने कई

लोगों से पूछा लेकिन उसका सही सही जवाब नहीं मिला थायहाँ

तक कि ताऊ रामपुरियाजी और समीरलालजी ने भी 'hands up'

कर दिए ,अन्ततः सुधा ओम ढींगराजी ने उनकी जिज्ञासा शान्त की


आइये अनुमान लगाएं कि क्या बात हुई होगी दोनों के बीच :


बबली - सुधाजी !

सुधा - हांजी !

बबली - दीदी, एक बात बताइये........ विवाह के वक्त जब किसी

कन्या की बारात आती है, तो कन्यापक्ष वाले इतना ढोल धमक्का,

इतनी आतिशबाज़ी गीत गा गा के इतना हंगामा क्यों करते हैं ?


सुधा - वो इसलिए कि दूल्हा गलती से किसी दूसरे के घर में

घुस जाए बारात लेकर............हा हा हा हा



6 comments:

Anonymous said...

Dhol isliye bajte hen ke duniya wale cheekh rahe hote hen ki yeh indian wome club ki member he..aaj isne kapde pehn liye,,,,,warna,,,,agar aap jawan hen to phoonchen

लडकिया क्या पहने हमेशा इस बात पर बहस होती हैं पर पुरूष क्या देखे इस पर कोई बहस क्यूँ नहीं होती?
http://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2009/11/blog-post_23.html

Unknown said...

आ जाओ, आ जाओ, इसी घर में आना है, कहीं इधर उधर नहीं जाना है!

डॉ टी एस दराल said...

भई, धूम धडाका तो वर पक्ष वाले करते हैं।
कन्या पक्ष वाले तो बेचारे भीगी बिल्ली बने खड़े रहते हैं।

राज भाटिय़ा said...

अलबेला जी यह अनामी जी को मिर्ची क्यो लगी भाई
अजी इतनी मजेदार बात कही आप ने, पता नही कई लोगो को हमेशा रोना ही अच्छा लगता है
हा हा हा हाहा हा हा हाहा हा हा हाहा हा हा हाहा हा हा हा

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत श्लिष्ट लिखा है!

Udan Tashtari said...

सिद्ध जबाब! :)

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