Tuesday, November 10, 2009

राजस्थान का सतीत्व और सीकर की मुर्गी .........



रतन सिंह जी शेखावत जितने सुन्दर दिखते हैं

उतना ही अभिनव लिखते हैं ।

राजस्थान की रत्नगर्भा धरती के

ये उर्जस्वित सपूत एक दिन सीकर नगर में सुबह सुबह

टहल रहे थे । संयोग से मैं भी इनके साथ था।

तभी मैंने देखा

एक मासूम सी मुर्गी दौड़ती हुई निकली जिसके पीछे एक


मवाली टाइप मुर्गा पड़ा हुआ था

मुर्गी आगे-आगे , मुर्गा पीछे-पीछे


अचानक मुर्गी बेचारी एक वाहन के नीचे आकर

तड़पते हुए मर गई ।


मुझे बड़ा दुःख हुआ ।

मैंने कहा - कुंवर साहेब अच्छा नहीं हुआ ।

वे बोले - बहुत अच्छा हुआ ।

मैंने कहा - गरीब मुर्गी की जान चली गई,

इसमे अच्छा क्या है ?


वे बोले - जान को मारो गोली , आन को देखो ....

ये सीकर की मुर्गी है ,


सीकर की ...

यानी राजस्थान की ....

इसने अपनी जान दे दी पर


इज्ज़त नहीं दी .............हा हा हा हा हा हा




3 comments:

Gyan Darpan said...

:) :)

राज भाटिय़ा said...

लेकिन आज कल की मुर्गियोको भी देखॊ ना जी.... क्या क्या देती हॆ,आप का चुटकला बहुत कुछ संदेश दे रहा है. धन्यवाद

शरद कोकास said...

सती मुर्गी की जय ...

Labels

Followers

Powered By Blogger

Blog Archive