Saturday, October 17, 2009

हास्यकवि अलबेला खत्री का पैगाम ..सबके नाम .....



एक
कहावत है :



भोजन आधा पेट कर, दुगुना पानी पी

तिगुना श्रम चौगुनी हँसी, वर्ष सवा सौ जी



जीवन में हँसी का बहुत महत्व है

इसलिए हास्य कवि सम्मेलनों का भी महत्व है

आइये.......

हँसने की रात सुनिश्चित कीजिये

और केवल हमें सूचित कीजिये......

बाकी काम हमारा है

क्योंकि जग को हँसाओ , ख़ूब हँसाओ

यही हमारा नारा है


रंगारंग हास्य कविसम्मेलन के लिए......


2 comments:

Udan Tashtari said...

जी, संपर्क करेंगे आपसे. :)

ACHARYA RAMESH SACHDEVA said...

HUM TAIYAR H. AAP BOLO TO SAHI. DETAIL MEIN BATAO AUR HASAO. U HI GUDGUDI MAT KARO.

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