Sunday, July 17, 2011

बेटा नंगू ! इज्ज़त भी कोई चीज़ होती है .......




रंगलाल  ने गाय-भैंस  खरीदने-बेचने का कारोबार  शुरू किया तो  

नंगलाल भी कहाँ  पीछे रहने वाला था .  उसने भी उसी में रस लेना

 शुरू कर दिया .



नंगलाल  :  ये भैंस कितने की है बापू ?  दूध कितना देती है,  इसके 


साथ क्या  है  और कितनी बार  बच्चे दे  चुकी है ? 


रंगलाल  : नंगू महाराज, ये भैंस है  तीस हज़ार रूपये की...........दूध 


देती है  दिन में कुल  12  लीटर,  इसके साथ मिलेगी   पाडी और अब 

तक कुल  चार बार  बच्चे दे चुकी है 


नंगलाल  :   और वोह...............वोह भैंस कितने की है ?



रंगलाल  :   वोह है   साठ  हज़ार रूपये की....दूध देती नहीं एक बून्द 


भी  और इसके साथ भी नहीं   कोई बच्चा  - क्योंकि अभी तक   यह 

ब्याही नहीं  है


नंगलाल  :  कमाल है........  जो दूध भी नहीं देती,  जिसके साथ कोई 


बच्चा  नहीं और जो अभी तक  ब्याही भी नहीं, उसके साठ  हज़ार 

और   जो दूध भी दे रही है, पाडी भी  जिसके साथ है, उसके केवल 

तीस हज़ार ?  ऐसा क्यों ?


रंगलाल  :   बेटा नंगू !  इज्ज़त भी कोई चीज़ होती  है .......



3 comments:

Sunil Kumar said...

izzat ki kimat kuchh to jyada honi hi chahiye!!!!!

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

ओह! दहेज के लिए इज़्ज़त बचा रखी है :)

Hari Shanker Rarhi said...

mazedaar hai izzat bhi.

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