रंगलाल और नंगलाल दोनों घर में बैठे थे और टी वी पर ओसामा बिन
लादेन के खात्मे की खबर देख रहे थे । मूड में आकर रंगलाल ने
सिगरेट सुलगाया और बलराज साहनी अन्दाज़ में एक हाहाकारी
सुट्टा मार के धुंए का प्रचार-प्रसार किया ।
नंगलाल - पापा ! आप कितनी सिगरेट एक के बाद एक लगातार
पी सकते हो ?
रंगलाल - दो या तीन.........
नंगलाल - अगर मैं पचास पी कर दिखा दूँ तो आप क्या
पुरस्कार दोगे ?
रंगलाल - मुझे देने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी बेटा !
सिगरेट ख़ुद ही दे देगी...हा हा हा हा हा हा हा हा
9 comments:
khoob kahi .
nek naseehat.
क्या बात है ... हा हा हा
@ महामित्र अलबेला जी ! दोस्ती के इस ख़ास मौक़े पर हम आपको उपहार में एक ऐसा लिंक ईमेल से भेज रहे हैं जिसे इस ब्लॉग जगत में हमने आज तक किसी को भी नहीं दिखाया है , यहाँ तक कि फुर्सत की कमी की वजह से अपने गुरु जी को भी नहीं दिखा पाए और दीगर अफ़राद को हमने दिखाना नहीं चाहा . आज उस लिंक को आपको और गुरु जी को एक साथ भेज रहा हूँ . इसमें हैं तो मात्र कुछ झलकियाँ ही लेकिन इनसे आपको कुछ अंदाजा ज़रूर हो जायेगा कि एक लेखक और एक एक्टर के तौर पर हम फिल्म के विषय के साथ कितना न्याय कर पाए ?
यह फिल्म निठारी काण्ड पर आधारित है.
इस लिंक पर जाकर आप हमारी एक्टिंग का लुत्फ़ ले सकेंगे . आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि इसके राइटर और प्रोड्यूसर भी हम ही हैं और इसके डायरेक्टर वह साहब हैं जिनके मक़ाम पर आप इसका लुत्फ़ उठाएंगे .
शुक्रिया .
http://tobeabigblogger.blogspot.com/2011/04/self-realization-in-toilet.html
जबरदस्त व्यंग ! एक पंक्ति में ही बेटे को समझाइश भी दे दी । पसंद आई पापा की चुटकी ।
सिगरेट ख़ुद ही दे देगी...हा हा हा हा हा हा हा हा
बहुत सटीक व्यंग्य!
पिछले कई दिनों से कहीं कमेंट भी नहीं कर पाया क्योंकि 3 दिन तो दिल्ली ही खा गई हमारे ब्लॉगिंग के!
पर सिगरेट के खर्च से नंगलाल तो नंगा हो जाएगा ना :)
सही कहा जी. धन्यवाद
namaskaar !
vaakai sandeshatmak chutkalaa , vyangy ! KAASH AAP KI IS BAAT PE KISI EK KO BHI FARAK PADE .
SAADAR
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