Monday, December 6, 2010

गुजरात में अब गोधरा सी आग न लगे, खादी व् खाकी पे कोई दाग न लगे

1 comment:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत ओजस्वी स्वर है आपका!
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कब्बली बहुत सुन्दर है!

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