Tuesday, September 7, 2010

प्यार को गोली मार..........मच्छर निकाल !




प्रेमी -

जानेमन..मेरी आँखों में झाँक और जल्दी से बता क्या दिखता है ?


प्रेयसी -

प्यार ......प्यार.........बस प्यार ही प्यार........


प्रेमी -

प्यार को गोली मार, आँख में मच्छर गिर गया है वो निकाल !

3 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

वाकई काम की बात है!

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

Ha-ha... ishe kahte hai premi kee praathmikta.

Rohit Singh said...

हाहहाहाह एक मच्छर नहीं दिखाई दे रहा है जो गिरा है...और वो सब दिख रहा है जो है नहीं......हीहीहीहीहीहीह इश्क ऐसा ही कमिना होता है....

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