पति-पत्नी ने दैहिक आनन्द अर्थात मौजमेला करने का कोड वर्ड
बना रखा था " चलो चीनी खायें "
एक दिन उनका नौकर रामू उनकी जवान बेटी के साथ मौजमस्ती
करता रंगे हाथ पकड़ा गया
मालिक - ये क्या कर रहा है हरामखोर !
रामू - थोड़ी सी चीनी खा रहा हूँ मालिक !
मालिक - मालिक के बच्चे, थोड़ी सी खानी थी तो नयी बोरी खोलने
की क्या ज़रूरत थी ? खुली हुई में से ही खा लेता ...
6 comments:
हा हा मजेदार... पर इसमे एक चीज और जोड़ लें .... ""जब पुराणी बोरी खुली थी तूने नाई बोरी क्यों खोली""""
चीनी बहुत महेंगी है, भाई जी !
बढ़िया!
हा...हा...हा...बहुत ही बढ़िया
नया एंगल है खत्री जी, हमारे 'हंसना मना है पर पधारें'।
वाह वाह ...
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