कहते हैं दर्पण झूठ नहीं बोलता...........
गूगल बाबा भी झूठ नहीं बोलता................
हिन्दी कवि सम्मेलनों में काव्यपाठ करते हुए 25 से भी ज़्यादा वर्ष हो
गये मुझे और जहाँ, जिस शहर में भी जाता हूँ, लोग मेरी प्रस्तुति को ख़ूब
सराहते हैं ये मुझे बताने की ज़रूरत नहीं है । मैं तो केवल यह बताना
चाहता हूँ कि अधिकाँश बड़े कवि प़ता नहीं क्यों जब मुझे मंच पर देखते
हैं तो हिल जाते हैं, उनकी भरपूर कोशिश रहती है कि मैं उनके कब्ज़े
वाले बड़े कवि सम्मेलनों से दूर रहूँ ताकि मैं उनकी भांति 50- 50 हज़ार
रुपये प्राप्त करने वाला STAR POET न बन सकूँ ...............
मैंने कभी परवाह भी नहीं की................लेकिन आज आप को बताना
चाहता हूँ कि दबाने से कोई चीज़ दबती तो फिर ये दुनिया ईश्वर के
अनुसार नहीं, मानव के अनुसार ही चलती..........
देश के TOP TEN POET जो हिन्दी काव्यमंचों पर सर्वाधिक व्यस्त
तो हैं ही, इंटरनेट के माध्यम से भी छाये हुए हैं । उनकी लोकप्रियता
का सही आंकड़ा प्राप्त करने के लिए जब मैंने गूगल सर्च से परिणाम
निकाले तो निम्नांकित परिणाम आये............आखिर में मैंने ख़ुद का
परिणाम भी देखा जिसे देख कर मुझे गर्व तो हुआ या न हुआ परन्तु हर्ष
बहुत हुआ.............
आप देखिये..............आपको भी ख़ुशी होगी................. ।
मैंने जिन मंचीय कवि महारथियों के परिणाम निकाले हैं, वे हैं :
सर्वश्री सुरेन्द्र शर्मा, अशोक चक्रधर, राहत इन्दोरी,
पद्मश्री डॉ सुरेन्द्र दुबे (दुर्ग), सुरेन्द्र दुबे (जयपुर), गजेन्द्र सोलंकी,
डॉ कुमार विश्वास, प्रताप फौजदार, डॉ सुनील जोगी, डॉ विष्णु सक्सेना
और अन्त में मैं स्वयं अलबेला खत्री ।
मैंने सबके लिंक भी दिये हैं आप इनकी web sites देख सकते हैं ।
सबसे पहले नमूने के तौर पर film STAR शाहरुख़ खान का परिणाम
उदाहरण देने के लिए दिखाया है
www.shahrukhkhan.org/
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http://surendrasharma।com/
URL: http://surendrasharma.com/
PageRank: 0/10http://www.chakradhar.in/
URL: www.chakradhar.in/
PageRank: 0/10http://www.rahatindori.co.in/
URL: http://www.rahatindori.co.in/
PageRank: 0/10http://www।surendradubeyhasyakavi.com/
URL: http://www.surendradubeyhasyakavi.com/
PageRank: 1/10www.surendradube.com/
URL: www.surendradube.com/
PageRank: 0/10http://gajendersolanki.com/
URL: gajendersolanki.com/
PageRank: 0/10www.kumarvishwas.com/
URL: www.kumarvishwas.com/
PageRank: 0/10http://pratapfauzdar.com/
URL: http://pratapfauzdar.com/
PageRank: 1/10www.suniljogi.com/
URL: www.suniljogi.com/
PageRank: 0/10www.vishnusaxena.com/
URL: www.vishnusaxena.com/
PageRank: 0/10http://www।albelakhatri.com/
URL: http://www.albelakhatri.com/
PageRank: 4/10मित्रो !
अगर आपको लगता है कि मुझे आपकी शाबासी मिलनी चाहिए तो दे
दीजिये, अगर आपको नहीं लगता तो मत दीजिये........
जय हिन्दी !
जय हिन्द !
www.albelakhatri.com
20 comments:
अलबेला जी, आपको बहुत-बहुत बधाई.
जहाँ तक बाकी कवियों के आचरण की बात है तो यह पढ़कर हमें दुःख हुआ. ये कवि आपसे न सिर्फ जलते हैं अपितु डरते भी हैं. अशोक चक्रधर जी आपके सामने कुछ नहीं हैं. सुरेन्द्र शर्मा की कोई गिनती नहीं है. सच तो यह है कि आप बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं और वे एक मुखी. हम कानमा करते हैं कि आपकी कीर्ति इतनी ऊंची उड़े कि एक दिन बच्चन, दिनकर, निराला, गुप्त, पन्त वगैरह भी आपके सामने लप्पू लगें.
बोलो अलबेला जी की जय.
इन सब कवियों में हम तो सिर्फ आपको ही जानते है इसलिए हमारे लिए तो आप ही बड़े कवि हुए :)
गूगल रेंकिंग से कवियों का तुलनात्मक विश्लेषण नहीं किया जा सकता है क्योंकि गूगल पर वही आगे होगा जो अंतरजाल पर ज्यादा सक्रिय होगा , यह तो बाजार ही बता सकता कि किस कवि की कितनी पूछ है | जिसका नाम बाजार में ज्यादा बिकाऊ है वही बड़ा माना जाता है |
बावजूद ऐसे छुपे हुए गुदड़ी के लाल कवि बहुत मिलेंगे जिनको कोई पूछता तक नहीं पर आप उनकी रचना सुनेंगे तो आप जैसे कवि भी उनकी प्रतिभा के कायल हो जायेंगे |
भारत के गांवों में हर क्षेत्र में प्रतिभाएं बहुत है पर वे बाहर निकलकर नहीं आ पाती |
@बेनामी जी !
आपकी पीड़ा वाजिब है, मुझे बन्दर की भांति दिखाते नहीं फिरना चाहिए कि देखो...मेरा मुँह सबसे ज़्यादा लाल है, परन्तु जब बात व्यावसायिक सपर्धा की हो और पूरा ज़माना विज्ञापन की रौ में बह रहा हो, तो अपने आपको प्रमाणित करना ज़रूरी हो जाता है . क्योंकि जिन लोगों का आपने और आपसे भी पहले मैंने ज़िक्र किया है वे सब स्वनामधन्य प्रसिद्द कवि हैं और आगे भी रहेंगे, इसलिए मैंने तो अपना नाम सबसे बाद में लगाया है, उनके भी बाद जो मेरे सामने मंच पर आये और जवान हुए...........
मैंने तो यह पोस्ट उन कवि सम्मेलन आयोजकों को दिखाने के लिए लगाईं है जिन्हें बताया जाता है कुछ और........जबकि सचाई है कुछ और . खैर अपने माल को अच्छा कहना और सचमुच हो, तो डंके की चोट पर कहना कोई अपराध नहीं है . तुम्हारी टिप्पणी इस काबिल तो नहीं कि मैं इसे छापूँ, लेकिन ये बात औरों के मन में उठेगी कि अलबेला खत्री ने ऐसी पोस्ट क्यों लगे........इसलिए बता दिया है .
काव्य मंच के व्यावसायिक प्रतिस्पर्धाओं के बारे थोडा बहुत सुना हूँ.
आप अपने प्रतिभा और मेहनत से अच्छे स्थान पर हैं, निश्चय ही आगे और ऊपर उठेंगे.
समस्यां नए कवियों के साथ भी बहुत है जिन्हें मंच ही नहीं मिलता.
@ वाह वाह ! शेखावत जी ..आपने नब्ज़ पकड़ ली.............
मैं यही कहना चाहता हूँ कि देश में केवल २०-३० कवि ही नहीं हैं हज़ारों हज़ार प्रतिभाएं बैठी हैं ..ऐसे ऐसे लोग मैंने देखे हैं भाई साहेब जिनके पास बैठने की योग्यता मेरी नहीं, लेकिन उन्हें कोई नहींजानता ...जबकि ऐसे लोग भी देखे हैं जिनके साथ बैठने को मन नहीं करता , लेकिन वे.................मठाधीश बने बैठे हैं
कविता और अन्य कलाओं के बाजारीकरण का ये दुष्प्रभाव है कि जो जितना ज़्यादा अपने आप को मेंटेन कर रहा है, वो उतनी ज़्यादा मलाई खा रहा है जबकि जो वाकई पात्र है, उन हज़ारों हज़ारों तक छाछ भी नहीं पहुँचती.
आपकी टिप्पणी पा कर अच्छा लगा ...आभार !
वाह जी बहुत बधाई. पर ये भी तो बता देते बंधुवर कि ये बाक़ी के कविगण जुगाड़ कैसे फिट करते हैं क्योंकि अपनी मार्केटिंग सबके बस की बात नहीं ही है न :-)
मैंने http://kajal.tk/ आपके बताए रास्ते पर चल कर पेस्ट कर दिया ...2/10 दिखा रहा है.
मुझे पता है ये सीरियस नहीं है...मज़ाक कर रहा है :-))
अलबेला जी, आपको बहुत-बहुत बधाई.
भैया, प्रणाम,
इस तरह की पोस्ट लिख कर आप अपनी इमेज ख़राब कर रहे हैं! आपका शुभचिंतक हूँ इसलिए कह रहा हूँ!
आपको बधाई हो, जनाब!
@ निलेश माथुर जी !
नमस्कार
सहमत हूँ आपसे...........
@ समीरलालजी !
जय हो आप की !
मालेगांव के एक गरीब परन्तु बेहतरीन शायर की शायरी है :
परिन्दों के लिए जो छत पे दाना छोड़ देते हैं
हम ऐसे दोस्तों को आज़माना छोड़ देते हैं
अगर मालूम हो जाये कि भाई अपना भूखा है
तो दस्तरखान पर भी अपना खाना छोड़ देते हैं
हिकारत से गरीबों को जहाँ पर देखा जाता है
हम ऐसी महफ़िलों में आना जाना छोड़ देते हैं
भाई क्या कहें । सभी सम्मानीय कवि हैं ।
झमेला जी, तोहार जय हो! जय हो! जय हो!
@ डॉ दाराल साहेब !
निसन्देह आप सत्य कहते हैं........... परन्तु कुछ व्यावसायिक कारण ऐसे भी होते हैं जो यहाँ बड़े लोगों से ऐसे काम अनजाने में ही करवा लेते हैं कि छोटों कोबड़ी तकलीफ झेलनी पड़ती है....इतनी..कि जीवन भर भुलाए नहीं भूलती
आपका धन्यवाद.........आप आये..अच्छा लगा
निःसंदेह आप बधाई के पात्र हैं.. बहुत-बहुत बधाई सर. देर से आने के लिए क्षमा करें..
बहुत-बहुत बधाई अलबेला जी! बहुत खूब!
अलबेला जी, आपको बहुत-बहुत बधाई.
आप अपने प्रतिभा और मेहनत से अच्छे स्थान पर हैं, निश्चय ही आगे और ऊपर उठेंगे.
जितना मैंने आपको सुना और पढ़ा है निस्संदेह आप चमत्कृत करने की शक्ति रखते हैं ...विद्वान् तो आप हैं ही !
शुभकामनायें आपको !
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