Saturday, March 20, 2010

फ़ोकट में घर पहुँच गये



रंगलाल और उसका बेटा नंगलाल अपने इलाके के सबसे समझदार

लोग माने जाते हैंइतने समझदार कि वन वे स्ट्रीट पर करते

वक्त भी दोनों तरफ देखते हैं


एक बार मुम्बई में रात के समय taxi वाले ने इनसे ज़्यादा पैसे

मांग लिए तो रंगलाल ने कहा - रूपये चाहे तुम दस-बीस और लेलो,

लेकिन पहले मेरा पर्स निकाल दो.... गाड़ी में कहीं गिर गया है और

मुझे अन्धेरे में दिखाई नहीं नहीं दे रहा हैउसमे मेरे बीस हज़ार

रूपये हैं..........जल्दी ढूंढ़ दो..........


ये सुनते ही taxi वाला taxi लेकर फरार होगया

दोनों फ़ोकट में घर पहुँच गये...........



6 comments:

राज भाटिय़ा said...

अरे भाई िन दोनो को मै पहचान गया एक तो ताऊ था, ओर दुसरे आप:)

M VERMA said...

पर्स मिला कि नहीं
हम भी आजमायेंगे

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

ये बाप बेटे तो घणे उस्ताद निकले :-)

डॉ टी एस दराल said...

रंगलाल, नंगलाल --दोनों नटवरलाल।

Urmi said...

हा हा हा! इसे कहते हैं अकलमंद! ऐसा दिमाग लगाया की पैसे भी देना नहीं पड़ा और फ़ोकट में घर पहुँच गए! बेचारा टक्सी वाला बुर्वक निकला!

Unknown said...

"रंगलाल और उसका बेटा नंगलाल अपने इलाके के सबसे समझदार
लोग माने जाते हैं।"


हमारे लिये भी ये लोग "लाल बुझक्कड़" से कम नहीं है जी!

Labels

Followers

Powered By Blogger

Blog Archive