एक बहुत ही पुराना बाबा आदम के ज़माने का लतीफ़ा याद
आ रहा है । रंगलाल का बेटा नंगलाल अपने बाप से बतिया रहा था ।
नंगलाल - पापा, आपकी शादी हो गई ?
रंगलाल - हाँ बेटा ! हो गई ?
नंगलाल - किस से हुई ?
रंगलाल - ये बैठी तुम्हारी माँ, इससे हुई........
नंगलाल - क्या पापा ! आप भी हद करते हो..घर की घर में ही...............
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6 comments:
हा हा हा हा
अब बताइये भला ये भी कोई बात हुई कि..घर की घर में ही...............
वैसे कुछ लोग खानदानी कुँआरे होते हैं, खानदानी कुँआरा मतलब उसका बाप कुँआरा, दादा कुँआरा, परदादा कुँआरा .....
हा हा
प्रश्न तो जायज ही है
बहुत खूब आनन्द आ गया!
हा हा!
Mazedar lateefa laga
Jai Hind...
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