Saturday, January 16, 2010

अटल बिहारी वाजपेयी की शैली में लगवाये laughter ke phatke हास्यकवि अलबेला खत्री ने उज्जैन ke टेपा सम्मेलन में

3 comments:

अमिताभ श्रीवास्तव said...

janaab aapki baat hi niraali he...

Udan Tashtari said...

मजेदार!!

Murari Pareek said...

माइक और वाइफ लाजवाब !!! बतया सिर्फ माइक का लेकिन वाइफ का अपने आप पता चलता गया!!! ये अछि बात नहीं है !! खतरा घरमे हैं ..हां..हा..हा.. आपको उसी खतरे में फिर से आना पडा है ! बाहार जा कर तो आप भी खतरा बन जाते हैं घर आकर फिर खत्री हो जाते हैं!!! हा..हां.. ये अच्छी बात नहीं है !! मजा आ गया !!

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