रंगलाल का बेटा नंगलाल जब कुल 14 साल का था तभी उस पर
बलात्कार का मुक़दमा चल चुका था । उस दौरान जब कोर्ट में
सुनवाई चल रही थी तो बचाव पक्ष का वकील कमज़ोर पड़ गया
और लगने लगा कि अब नंगलाल पर आरोप सिद्ध हो ही जाएगा
तब और कोई चारा न देख, रंगलाल ने हिम्मत जुटाई और जज
के सामने आकर नंगलाल की निकर उतार दी फिर हौले से चड्डी
भी नीचे खिसकाते हुए जज साहेब से निवेदन किया, "देखिये हुज़ूर
देखिये, जिस मासूम पर बलात्कार का झूठा आरोप लगाया जा
रहा है, उसकी बाली उम्र देखिये, उसका ये नन्हा सा शरीर देखिये
और आप ख़ुद ही सोचिये, क्या ये बच्चा ऐसा घिनौना काम कर
सकता है ?"
नंगलाल ने झट से वापिस कपड़े पहन लिए और धीरे से बोला,
"ये क्या कर रहे हो पापा ? ज़्यादा छेड़खानी मत करो, वर्ना अपन
मुक़दमा हार जायेंगे.."
पूरी अदालत की हँसी छूट गई .........हा हा हा हा
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