Wednesday, October 14, 2009

उस रात वो बाथरूम में जा कर रोई थी, इस बार मैं रोया..



रंग
लाल जी अपनी रंगीन मिज़ाज़ी के लिए दूर-दूर तक मशहूर हैं

पिछले दिनों उनकी शादी की रजत जयंती थी

रंगलाल जी पूरे मूड में थेउन्होंने ज़बरदस्त तरीके से यह मौका

सेलिब्रेट कियावे अपनी पत्नी को लेकर महाबलेश्वर के उसी होटल

के, उसी कमरे में, उसी पलंग पर, उसी पनवाड़ी का पान खा कर और

उतना ही दूध पी कर, उसी पुराने अन्दाज़ में पहुंचे.........जो उनकी

स्मृति में ठीक 25 साल पहले अंकित हुआ था


जब उतने ही दिन बाद लौटे तो मैंने पूछा - कैसी रही नई सुहागरात

और कैसा रहा नया हनीमून ?


बोले - बहुत मस्त ! एकदम झकास ! सबकुछ वैसा ही था...25 साल

पहले जैसा.... बस एक ही अन्तर आया ..................

उस रात मेरी पत्नी की आँखों में आँसू गए थे और इस बार

मेरी आँखों में.........उस रात वो बाथरूम में जा कर रोई थी,

इस बार मैं रोया...... हा हा हा हा हा




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