Monday, October 26, 2009

हमें आपकी घरवाली में इन्ट्रेस्ट है, इस चांडालनी में नहीं

बात बहुत पुरानी है1992 की ............


मुंबई के पश्चिमी उप नगर विलेपार्ले के भाईदास हॉल में हास्य सम्राट कवि

सुरेन्द्र शर्मा का 'चार लाईनां ' शो चल रहा था


मैं यानी अलबेला खत्री, श्याम ज्वालामुखी, आसकरण अटल और सुभाष

काबरा काव्यपाठ करके महफ़िल जमा चुके थे और हास्य व्यंग्य का माहौल

भरपूर यौवन पर थाक्लाईमैक्स के लिए सुरेन्द्र शर्मा माइक पर आए तो

हॉल तालियों की गडगडाहट से गूँज उठा....और सुरेन्द्र जी ने अपने चुटकुलों

से हँसाया भी बहुत लेकिन जैसे ही उन्होंने "चांडालनी" कविता शुरू की, लोगों

ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया " घरवाली..........घरवाली............"


सुरेन्द्रजी ने अनसुना कर दिया और यथावत 'चांडालनी' सुनाते रहे तो चार

पाँच दर्शक मंच के पास गए और बोले- " सुरेन्द्र जी, घरवाली सुनाओ,

घरवाली ! हमने हसने के लिए पैसे खर्च किए हैं ..इस "चांडालनी" पर रोने


के लिए नहीं ........."



सुरेन्द्रजी ने मज़ाक में कहा- कमाल है यार जिस घर वाली में मुझे ही कोई

इन्ट्रेस्ट नहीं रहा, उसमें आपको क्या इन्ट्रेस्ट है ?



लोगों ने कहा- भाई आपको हो हो,

हमें
तो आपकी घरवाली ( रचना ) में इन्ट्रेस्ट है,

इस चांडालनी (रचना) में नहीं ..........

इतना
सुनना था कि पूरा हॉल ठहाकों से गूँज
उठा

और सुरेन्द्र शर्मा को घरवाली की चार लाईनां सुनानी ही पड़ी.............

9 comments:

Unknown said...

सही बात है, लोगों को तो अपनी घरवाली से अधिक दूसरों की घरवाली में ही इंटरेस्ट होता है।

शिवम् मिश्रा said...

बहुत सटीक जवाब मिला शर्मा जी को !! :)
हमेशा ही दुसरे की घरवाली में इंटेरेस्ट रहेता है लोगो का, मैं नहीं कह रहा इतिहास गवाह है !
हमारे परम पूज्य पास्ट प्राइम मिनिस्टर पंडित नहेरु भी तो यह शौक़ रखते थे !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

अलबेला जी,
इसे संस्मरण नही कहूँगा।
मगर इतना अवश्य कहूँगा कि
बड़ा जोरदार हादसा लगाया है।
बधाई।

डॉ टी एस दराल said...

हा हा हा !!!
घरवाली के बारे में ज्यादा बात करने पर यही होता है.
मज़ेदार वाकया.

vandana gupta said...

bahut hi mazedaar post lagayi hai.......hahahaha.

राज भाटिय़ा said...

इस चांडालनी (रचना) में नहीं ..........
सच बोले जी ,दुसरे की हमेशा सुंदर लगती है( मुझे नही मै शरीफ़ आदमी नही इस लिये)
धन्यवाद

Astrologer Sidharth said...

वाह वाह...

विवेक रस्तोगी said...

उनका ब्रांड ही घरवाली है हम भी उन्हीं से सीखें हैं।

Urmi said...

बहुत ही शानदार, ज़ोरदार और मज़ेदार पोस्ट लगा !

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